ईरान के दिवंगत राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी, विदेश मंत्री हुसैन अमीराब्दुल्लाहियन और अन्य अधिकारियों के जनाजे में शामिल होने और मातम मनाने के लिए मंगलवार को लोगों के जुटने का सिलसिला शुरू हो गया है। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के अंतिम संस्कार में भारत के प्रतिनिधि के तौर पर शामिल होने की संभावना है। सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। रईसी की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में सोमवार को मृत्यु हो गई थी।
उन्होंने कहा कि धनखड़ के बुधवार को ईरान रवाना होने की संभावना है। रईसी के सम्मान में मंगलवार को पूरे भारत में एक दिवसीय राजकीय शोक मनाया जा रहा है। ईरान की सरकारी मीडिया ने बताया कि देश के उत्तर-पश्चिमी हिस्से के कोहरे वाले पहाड़ी क्षेत्र में हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने के कुछ घंटों बाद राष्ट्रपति रईसी, देश के विदेश मंत्री और कई अन्य अधिकारी सोमवार को मृत पाए गए। रईसी (63 वर्ष) और उनका दल रविवार को अजरबैजान-ईरान सीमा पर एक इलाके की यात्रा से लौटने के बाद तबरीज शहर की ओर जा रहे थे।
ईरान के दिवंगत राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी, विदेश मंत्री हुसैन अमीराब्दुल्लाहियन और अन्य अधिकारियों के जनाजे में शामिल होने और मातम मनाने के लिए मंगलवार को लोगों के जुटने का सिलसिला शुरू हो गया है। ईरान की सरकार ने दिवंगत राष्ट्रपति के सम्मान में कई कार्यक्रम आयोजित किये हैं साथ ही वह इसके जरिये पश्चिम एशिया में शक्ति प्रदर्शन भी करना चाहती है। ईरान में शिया धर्म आधारित शासन में विशाल प्रदर्शन हमेशा से अहम रहे हैं।
यहां तक कि 1979 की इस्लामिक क्रांति के दौरान भी तत्कालीन सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह रुहुल्लाह खुमैनी के स्वागत में लाखों लोग राजधानी तेहरान की सड़कों पर उतर आए थे। पड़ोसी देश बगदाद में अमेरिकी ड्रोन हमले में 2020 में मारे गए रिवोल्यूशनरी गार्ड के जनरल कासिम सुलेमानी के जनाजे में एक अनुमान के अनुसार 10 लाख लोग शामिल हुए थे। दिवंगत राष्ट्रपति रईसी, विदेशमंत्री अमीराब्दुल्लाहियन और अन्य के जनाजे में इतनी ही भीड़ जुटने की संभावना पर सवाल है
क्योंकि इनकी मौत हेलीकॉप्टर हादसे में हुई है और रईसी देश के इतिहास में सबसे कम अंतर से चुनाव जीते थे एवं उन्होंने सभी विरोधियों के खिलाफ कड़ाई से कार्रवाई की थी। अभियोजकों ने पहले ही चेतावनी दी है कि किसी ने रईसी के निधन पर खुशी का इजहार किया तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। हेलीकॉप्टर हादसे के बाद से ही तेहरान की सड़कों पर भारी तादाद में सुरक्षाबल तैनात हैं।
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