मथुरा। स्वतंत्रता के बाद देश का पहला वेटरनेरी कॉलेज मथुरा अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा पाने की उम्मीद लगाए है। 2001 में इसी कॉलेज को पंडित दीनदयाल उपाध्याय का नाम देते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की मौजूदगी में मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह ने विश्वविद्यालय घोषित किया था।
देश का यह प्रतिष्ठित संस्थान पिछले 18 सालों से संसाधनों के लिए तरस रहा है। पिछली सपा और बसपा सरकारों ने विश्वविद्यालय एक्ट के मुताबिक यहां नए चार कॉलेज का भवन तो तैयार करा दिया, लेकिन इनमें शिक्षक सहित संसाधनों की जरूरत को अब तक किसी ने पूरा नहीं किया है। सिर्फ एक कॉलेज पर ही ये यूनिवर्सिटी के रूप में संचालित हो रही है।
उम्मीद थी कि प्रदेश की योगी सरकार विश्वविद्यालय को उसका मूल स्वरूप प्रदान करेगी। करीब पौने दो साल पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वेटरनेरी विश्वविद्यालय में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा के अनावरण दौरान दो कॉलेजों को तत्काल शुरू करने की घोषणा की थी, लेकिन अब तक ये कॉलेज शुरू नहीं हो सके हैं।
यहां के शिक्षकों को नहीं मिला सातवां वेतनमान
योगी सरकार दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर प्रदेश के इकलौते वेटरनेरी विश्वविद्यालय मथुरा में कॉलेजों के लिए शिक्षक सहित कर्मचारियों की नियुक्ति की अनुमति नहीं दे सकी है। यहां के शिक्षकों को अब तक सातवां वेतनमान भी योगी सरकार ने नहीं दिया है।
इस स्थिति में यहां के लोग वेटरनेरी विश्वविद्यालय को केंद्रीय दर्जा देने की उम्मीद पीएम नरेंद्र मोदी से लगाए है। ऐसा अगर होता है तो ये देश का पहला केंद्रीय वेटरनेरी विश्वविद्यालय होगा। यहां नए कॉलेज खुलेंगे। बड़ी संख्या में देश भर के छात्र यहां पढ़ने आएंगे। यह सभी स्थितियां मथुरा में विकास की नई संभावनाओं को जन्म देंगे
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