नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को गुजरात के द्वारका में बने सुदर्शन सेतु (Sudarshan Setu) का उद्घाटन करेंगे। यह पुल ओखा मुख्य भूमि और बेयट द्वारका द्वीप को जोड़ता है। इसे तैयार करने में करीब 980 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। 2.32 किलोमीटर लंबाई वाला यह भारत का सबसे लंबा Cable-stayed bridge है।
सुदर्शन सेतु का डिजाइन बेहद खास है। इसके फुटपाथ पर चलते हुए भक्त श्रीमद्भगवद गीता के श्लोकों को पढ़ पाएंगे और भगवान कृष्ण की तस्वीरें देख पाएंगे। फुटपाथ के छत पर सोलर पैनल लगाए गए हैं, इनसे एक मेगावाट बिजली पैदा होगी। इस पुल के बन जाने से भक्तों को द्वारका और बेयट-द्वारका के बीच आनेजाने में सुविधा होगी। पहले लोगों को इसके लिए नाव का इस्तेमाल करना होता था। यह पुल देवभूमि द्वारका का प्रमुख पर्यटक आकर्षण होगा।
सुदर्शन सेतु ब्रिज की खास बातें
सुदर्शन सेतु ब्रिज को स्टील के तोरण और पंखे जैसे पैटर्न में लगे केबलों से बनाया गया है। यह Cable-stayed ब्रिज है। इस तरह के पुल में वजन स्टील के केबलों पर होता है। पुल का डेक कम्पोजिट स्टील और मजबूत कंक्रीट से तैयार किया गया है।
सुदर्शन सेतु ब्रिज की चौड़ाई 27.2 मीटर है। आने जाने के लिए दो लेन बने हैं। इसके साथ ही दोनों तरफ 8 फीट चौड़ा फुटपाथ है।
फुटपाथ के सेड के छत पर सोलर सोलर पैनल लगाए गए हैं। इनसे 1 मेगावाट बिजली पैदा होगी।
पुल की कुल लंबाई 2,320 मीटर है। यह भारत का सबसे लंबा Cable-stayed ब्रिज है।
पुल के बीच का स्पैन 500 मीटर लंबा है। यह भारत में बना सबसे लंबा स्पैन है।
ओखा और बेयट द्वारका किनारों पर पहुंच पुलों की लंबाई क्रमशः 770 मीटर और 650 मीटर है।
पुल के दो पाइलॉन 129.985 मीटर ऊंचे हैं। इनका आकार A जैसा है।
पुल से जुड़ी सड़क की कुल लंबाई 2.8 किलोमीटर है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने 7 अक्टूबर, 2017 को इस पुल की आधारशिला रखी थी।
Leave a Reply