किसान आंदोलन: 29 फरवरी तक दिल्ली चलो मार्च पर रोक, युवक की मौत पर एक्शन की मांग

इन दिनों पंजाब और हरियाणा के किसान MSP को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके लिए वो बीते 11 दिनों से दिल्ली के पंजाब और हरियाणा बॉर्डर पर डेरा डाले हुए है। इसी विरोध प्रदर्शन के दौरान 2 दिन पहले एक 21 वर्षीय प्रदर्शनकारी की गोली लगने से मौत हो गई थी। इसके बाद किसान संघ के लोगों ने कल यानी 23 फरवरी को प्रदर्शन मार्च पर रोक लगा दी थी, जो अब 29 फरवरी तक बढ़ाने का फैसला किया है।

किसानों ने प्रदर्शनकारी की मौत पर कहा कि वो पंजाब पुलिस द्वारा हरियाणा पुलिस के खिलाफ मामला दर्ज करने तक न तो शव का पोस्टमार्टम कराएंगे और न ही दाह संस्कार की अनुमति देंगे। इसके अलावा पीड़ित युवक शुभ करण सिंह के परिवार ने प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज होने तक उनकी मौत पर पंजाब सरकार द्वारा दिए गए ₹1 करोड़ के मुआवजे को भी अस्वीकार कर दिया। किसान यूनियनों ने कहा कि जब तक पुलिस केस न हो जाए आंदोलन पर सरकार के साथ कोई बातचीत नहीं हो सकती है।

किसान मजदूर संघ कमेटी के नेता सरवन सिंह पंढेर ने एचटी को फोन पर कर जानकारी दी कि वो मृतक किसान शुभ करण सिंह को शहीद का दर्जा देने की मांग करेंगे। इसके बाद उनके शव का पोस्टमार्टम करने की अनुमति दी जाएगी। इसके अलावा हरियाणा पुलिस के खिलाफ केस दर्ज होना चाहिए तो फिर दिल्ली तक मार्च फिर से शुरू किया जाएगा। इसके बाद दूसरे नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा कि फिलहाल, हम केवल शुभ करण सिंह के लिए न्याय पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, इसलिए, हम 29 फरवरी से पहले दिल्ली तक मार्च नहीं करेंगे।

उसके बाद नेताओं के साथ बैठक करने के बाद अगली कार्रवाई की घोषणा की जाएगी।पंजाब और हरियाणा के अधिकारियों ने अलग-अलग कहा कि वे यह निर्धारित करने की कोशिश कर रहे हैं कि मामला किसके अधिकार क्षेत्र में आना चाहिए। पटियाला में एक पंजाब पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि जिस स्थान पर शुभ करण घायल हुआ था, वह स्थान जींद हरियाणा के अधिकार क्षेत्र में आता है। जिसका मतलब यह हो सकता है कि केवल उस राज्य की पुलिस ही एफआईआर दर्ज कर सकेगी।

 

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