चीन में फेफड़े फुलाने वाली रहस्यमयी बीमारी को लेकर केंद्र सरकार ने राजस्थान, कर्नाटक, गुजरात, उत्तराखंड, हरियाणा और तमिलनाडु को अलर्ट जारी किया है। इसके बाद राज्य सरकारों ने हेल्थ डिपार्टमेंट को सांस से जुड़ी बीमारी के मरीजों के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया है।
राज्य सरकारों ने लोगों के लिए भी एडवाइजरी जारी की है। इसमें लोगों को भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क का इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है। पीडियाट्रिक यूनिट्स में बच्चों के इलाज के लिए पूरी व्यवस्था करने को कहा गया है।
चीन में रहस्यमयी बीमारी का असर सबसे ज्यादा बच्चों पर हो रहा है। तेज बुखार के साथ फेफड़े फुला देने वाली इस बीमारी की वजह से हर रोज करीब 7 हजार बच्चे अस्पताल पहुंच रहे हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि कोरोना की तरह ये बीमारी भी संक्रामक है।
केंद्र सरकार ने 24 नवंबर को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एडवाइजरी जारी की थी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बताया कि भारत में चीन की रहस्यमयी बीमारी का एक भी मामला अभी सामने नहीं आया है। सरकार इस पर बारीकी से निगरानी कर रही है।
नए वायरस से बीमारी फैलने की बात से चीन का इनकार
23 नवंबर को चीनी मीडिया ने स्कूलों में रहस्यमय बीमारी फैलने की जानकारी दी थी। चीन ने बताया कि पीड़ित बच्चों में फेफड़ों में जलन, तेज बुखार, खांसी और जुकाम जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं। बीमारी को फैलने से रोकने के लिए स्कूलों में छुट्टी कर दी गई।
चीन के नेशनल हेल्थ कमीशन ने कहा कि पिछले साल दिसंबर में कोरोना के कारण लगाई गई पाबंदियां हटा ली गई थीं। इसके कारण फिर से बीमारी फैल रही है। हालांकि, चीन सरकार ने इन दावों को खारिज किया।
चीन की हेल्थ अथॉरिटी का कहना है कि ये सामान्य निमोनिया बीमारी है। नई बीमारी या दूसरे बैक्टीरिया या वायरस का संक्रमण नहीं है। इस वक्त चीन में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। कोरोना की पाबंदियां हटने के बाद ये सीजन की पहली ठंड है। सर्दियों में वायरल बीमारियों के फैलने का खतरा ज्यादा रहता है।
चीन में फैल रही इस बीमारी के लक्षण
- खांसी
- गले में दर्द या खराश
- बुखार
- फेफड़े में सूजन
- सांस नली में सूजन
रहस्यमयी बीमारी को महामारी कहना जल्दबाजी
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने बताया कि चीन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सांस से जुड़ी एक बीमारी फैलने की जानकारी दी थी। WHO ने बीमारी की जांच के लिए चीन से हाल-फिलहाल में फैले सभी तरह के वायरस की सूची मांगी है।
लोगों को मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने का निर्देश दिया गया है। WHO ने फिलहाल रहस्यमयी बीमारी के महामारी होने पर कोई जानकारी नहीं दी है। वहीं, सर्विलांस प्लेटफॉर्म प्रो-मेड ने भी कहा कि इसे महामारी कहना गलत और जल्दबाजी होगा।
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