चंडीगढ़। पंजाब में अब मतगणना की उलटी गिनती शुरू हो गई है। जीत हार के समीकरण से उभरते हुए नेता अब खुद को विजेता मान कर चल रहे हैं। इस तरह की सोच वाले नेताओं ने अब नए कपड़े बनवाने शुरू कर दिए हैं। खास बात यह है कि अलग अलग पार्टी के उम्मीदवार है। मतगणना की तैयारियों में जहां चुनाव आयोग, प्रशासन और पुलिस लगी हुई है, वहीं नेताओं ने भी इस दिन को खास बनाने की तैयारी करनी शुरू कर दी है। बता दें कि वोटिंग से पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भैंस का बच्चा दान किया था। जबकि वोटिंग के बाद सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने भदौड़ में गौशाला पहुंचकर गायों को खाना खिलाया था।
मतगणना के बाद क्या करना है। क्या पहनना है, किस तरह से खुशी मनानी है, इसकी तैयारियां अब जोरों पर हो रही है। एक ज्योतिषी की भविष्यवाणी पर अमल करते हुए एक उम्मीदवार ने 10 मार्च तक सफेद कपड़े पहनने शुरू कर दिए हैं। ज्योतिषी ने प्रत्याशी को मतगणना के वक्त एक सफेद फूल अपनी जेब में रखने की भी सलाह दी।
मुक्तसर के प्रिंस टेलर्स के यहां भी इन दिनों काफी भीड़ है। प्रिंस टेलर्स से दो दर्जन उम्मीदवारों ने फरवरी माह में कपड़े सिलने दिए हैं। इनमें से आधा दर्जन ने किसी भी हाल में 9 मार्च से पहले आपूर्ति की मांग की है। प्रिंस ने हालांकि अपने कस्टमर के नाम तो नहीं बताए, लेकिन इतना जरूर बताया कि वह 9 फरवरी से पहले ही सिले हुए कपड़ों की डिलीवरी देने के लिए तैयार है।
बठिंडा जिले से कांग्रेस के दो उम्मीदवारों ने जो कपड़े सिलवाए, इसकी डिलिवरी 6 फरवरी से 8 फरवरी तक की जानी है। बठिंडा जिले के एक अकाली उम्मीदवार ने अपने आवास पर वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को इकट्ठा किया है और उन्हें जीत का जश्न मनाने के लिए तैयार रहने को कहा है। मुक्तसर में प्रिंस टेलर्स के मनप्रीत सिंह ने कहा कि मतदान के दिनों में उनके पास नेताओं के लिए काम कम था, लेकिन चुनाव के बाद नए कपड़े सिलने वाले नेताओं की संख्या बढ़ गई है।
अकाली उम्मीदवार ने अपने कार्यकर्ताओं से खुद ही आतिशबाजी और गुलाल मंगवाने को कहा है ताकि जीत के जश्न को रंगीन बनाया जा सके। बठिंडा जिले के एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने उस समय कोई तैयारी नहीं की, जब कार्यकर्ता उन्हें विजयी घोषित कर रहे थे। प्रिंस टेलर ने बताया कि 4 दर्जन से अधिक उम्मीदवारों ने हाल ही में शर्ट, पजामा और जैकेट सिलवाया है। प्रिंस टेलर की लोकप्रियता ऐसी है कि लुधियाना, बठिंडा, मानसा, बरनाला, फरीदकोट, फिरोजपुर, मोगा और संगरूर से नेता कपड़े सिलने के लिए मुक्तसर पहुंचते हैं।
पंजाब सरकार में मंत्री राणा गुरजीत सिंह इस दर्जी के सिलाई के कपड़ों के बहुत बड़े फैन हैं। इसी तरह अबोहर का वेयर वेल भी नेताओं के कपड़े सिलने में व्यस्त है। अपने नेता की पोशाक के लिए मशहूर वेयरवेल अबोहर के मालिक जगत वर्मा ने कहा कि चुनाव परिणाम से पहले तैयार कपड़ों की मांग करने वाले नेताओं की संख्या में वृद्धि के कारण उन्हें फरवरी के महीने में दिन-रात काम करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि करीब दो हफ्ते से अब वीआईपी हर रोज आ रहे हैं। पटियाला और चंडीगढ़ के अलावा लुधियाना और जालंधर के दर्जी ने भी उम्मीदवारों के कपड़ों की सिलाई का काम बढ़ा दिया है।
कई उम्मीदवारों ने अंदर से लड्डू मंगवाए भी हैं, लेकिन कोई भी उम्मीदवार इसका खुलासा नहीं कर रहा है। उम्मीदवारों ने अपने समर्थकों से गुलाल का इंतजाम करने को कहा है। कुछ प्रत्याशी ऐसे भी हैं जिन्होंने भांगड़ा पाने के लिए चुनाव में जुटे कार्यकर्ताओं की सूची तक तैयार कर ली है। ढोल वादकों ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है। बड़े-बड़े पटाखे और आतिशबाजी भी नेताओं के समर्थकों का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि कुछ ऐसे नेता भी हैं जो किसी तरह की तैयारी नहीं कर रहे हैं। इनमें कई सीनियर नेता भी शामिल है। इनके समर्थक तो दावा कर रहे हैं कि नेता जीत रहे हैं। लगता है नेताजी अपनी जीत को लेकर अभी भी निश्चित नहीं है। इसलिए वह इस तरह की तैयारियों की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
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