राहुल गांधी पर देशद्रोह का आरोप, अदालत ने सुरक्षित रखा फैसला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कथित बयान देने के मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ दायर याचिका पर अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। अब दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालत अगली सुनवाई में फैसला करेगी कि राहुल गांधी पर देशद्रोह का मामला दर्ज होना चाहिए कि नहीं। गौरतलब है कि पिछली सुनावाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) पेश की थी। इसमें पुलिस ने तर्क दिया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कथित बयान देने के मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ देशद्रोह अथवा कोई आपराधिक मामला नहीं बनता। अदालत ने देशद्रोह की शिकायत पर 26 अप्रैल को दिल्ली पुलिस से एटीआर तलब की थी।

राउज एवेन्यू अदालत के एसीएमएम समर विशाल के समक्ष थाना संसद मार्ग पुलिस ने रिपोर्ट पेश कर कहा कि राहुल गांधी के खिलाफ कोई अपराध मामला नहीं बनता। उनके बयान के खिलाफ पीएम मोदी ही मानहानि की शिकायत दायर कर सकते हैं।

मामले में शिकायतकर्ता जोगेंद्र तुली ने कहा कि पुलिस की रिपोर्ट ठीक नही है और वह इस पर अपनी दलीलें पेश करना चाहते हैं। अदालत ने उनकी दलीलें सुनने के लिए 22 मई की तारीख तय की है।

कोर्ट के समक्ष तुली ने 26 अप्रैल को कहा था कि यह बयान वाली खबर अखबारों में प्रकाशित हुई थी और पुलिस के पास वीडियो रिकॉर्डिंग भी है। वह वीडियो रिकॉर्डिंग उन्हें नहीं मिल सकती लेकिन कोर्ट वह मंगा सकती है। यह मामला जंतर-मंतर पर वर्ष 2016 में आयोजित किसान रैली में प्रधानमंत्री मोदी पर कथित आपत्तिजनक बयान देने के आरोप से जुड़ा है।

इस शिकायत में अधिवक्ता जोगेंद्र तुली ने आरोप लगाया है कि राहुल गांधी ने अपने बयान में पीएम पर सीमा पर सर्जिकल स्ट्राइक करने वाले सैनिकों के बलिदानों को भुनाने का आरोप लगाया था। यह बयान देश के खिलाफ है और इसलिए राहुल गांधी पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिल्ली पुलिस को दिया जाए।

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