मोदी सरनेम केस में राहुल गांधी को हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत

अहमदाबाद। मोदी सरनेम केस में कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा दायर याचिका को शुक्रवार को गुजरात हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। सूरत के कोर्ट ने राहुल गांधी को मानहानी के मामले में दोषी करार देते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई थी। राहुल गांधी ने हाईकोर्ट में अर्जी लगाकर सूरत कोर्ट के फैसले पर विचार की गुहार लगाई थी। उन्होंने सूरत कोर्ट के आदेश पर स्टे लगाने की अर्जी दी थी। हाईकोर्ट ने इसे खारिज कर दिया।

कोर्ट ने कहा कि राहुल गांधी दोषसिद्धि पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं उसका कोई आधार नहीं है। दोषसिद्धि पर रोक कोई नियम नहीं है। राहुल गांधी के खिलाफ 10 मामले लंबित हैं। राजनीति में शुचिता की आवश्यकता है। गांधी ने कैंब्रिज में वीर सावरकर के खिलाफ शब्दों का इस्तेमाल किया है। इसके बाद वीर सावरकर के पोते ने पुणे कोर्ट में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इनकार करने से आवेदक के साथ अन्याय नहीं होगा। दोषसिद्धि पर रोक लगाने के लिए कोई उचित आधार नहीं हैं। दोषसिद्धि उचित और कानूनी है।

राहुल गांधी के पास गुजरात हाईकोर्ट के उच्च पीठ के सामने अपील करने का विकल्प बचा है। इसके साथ ही वे सुप्रीम कोर्ट में भी अर्जी लगा सकते हैं। वर्तमान में दो साल जेल की सजा मिलने के चलते राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म हो गई है। वह छह साल तक संसद सदस्य बनने के लिए अयोग्य हैं।

2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक के कोलार में रैली करते हुए राहुल गांधी ने मोदी सरनेम को लेकर विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था, “इन सब चोरों के नाम मोदी कैसे हैं? नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी। खोजने पर और भी बहुत सारे मोदी मिलेंगे।” इसके चलते बीजेपी विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने शिकायत की थी। 23 मार्च को सूरत के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा ने आपराधिक मानहानि मामले में राहुल गांधी को दोषी ठहराया था और उन्हें दो साल कैद की सजा सुनाई थी।

 

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