नई दिल्ली। UAPA संशोधन बिल राज्यसभा में पास हो गया है. इस बिल के अंतर्गत NIA को ज्यादा अधिकार देकर संगठन के साथ-साथ किसी व्यक्ति को भी आतंकी घोषित करने जैसे अधिकार दिए गए हैं. UAPA बिल के मुताबिक जिस व्यक्ति को आतंकी घोषित किया जाएगा, उसकी संपत्ति जब्त करने और यात्राएं करने पर रोक जैसी कार्रवाई की जा सकेगी.
UAPA संशोधन बिल पर राज्यसभा में जमकर बहस हुई. सदन में चर्चा करते हुए कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने इस बिल पर सवाल उठाए थे, जिसका जवाब सदन में गृह मंत्री अमित शाह ने दिया.
गृह मंत्री अमित शाह गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) संशोधन विधेयक, 2019 पर राज्यसभा में शुक्रवार को जवाब दिया. शाह ने कहा कि बिल का मकसद आतंकवाद से लड़ना है. उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता जरूरी है. शाह ने विपक्ष की इस दलील को खारिज किया कि कानून का गलत इस्तेमाल होगा.
अमित शाह ने सदन में कहा, जब हम विपक्ष में थे, तो हमने पिछले UAPA संशोधनों का समर्थन किया था, चाहे वो 2004 या 2008 या फिर 2013 की बात हो. जैसा कि हम मानते हैं कि सभी को आतंक के खिलाफ कड़े कदमों का समर्थन करना चाहिए. हम यह भी मानते हैं कि आतंक का कोई धर्म नहीं है, यह मानवता के खिलाफ है, किसी विशेष सरकार या व्यक्ति के खिलाफ नहीं है.
शाह ने सदन में कहा कि ’31 जुलाई 2019 तक NIA ने कुल 278 मामले कानून के अंतर्गत रजिस्टर किये. 204 मामलों में आरोप पत्र दायर किये गये और 54 मामलों में अब तक फैसला आया है. 54 में से 48 मामलों में सजा हुई है. सजा की दर 91% है. दुनियाभर की सभी एजेंसियों में NIA की सजा की दर सबसे ज्यादा है.’
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार इस कानून का गलत इस्तेमाल करेगी, जिस पर शाह ने कहा ‘कांग्रेस आपातकाल याद कर ले. कानून के दुरुपयोग का इतिहास कांग्रेस का है. एक धर्म को आंतकवाद से जोड़ा गया था. ‘शाह ने कहा कि ‘जिहादी किस्म के केसों में 109 मामले, वामपंथी उग्रवाद के 27, नार्थ ईस्ट में अलग-अलग हत्यारी ग्रुपों के खिलाफ 47 ,खालिस्तानवादी ग्रुपों पर 14 मामले रजिस्टर्ड किए गए.’
शाह ने कहा कि ‘जब हम किसी आतंकी गतिविधियों में लिप्त संस्था पर प्रतिबंध लगाते हैं तो उससे जुड़े लोग दूसरी संस्था खोल देते हैं और अपनी विचारधारा फैलाते रहते हैं. जब तक ऐसे लोगों को आतंकवादी नहीं घोषित करते तब तक इनके काम पर और इनके इरादे पर रोक नहीं लगाई जा सकती.’
गृह मंत्री ने कहा कि ‘विदेशी मुद्रा के दुरुपयोग और हवाला के लिए 45 मामले दर्ज किए गए और अन्य 36 मामले दर्ज किए गए. सभी मामलों में कोर्ट के अंदर चार्जशीट की प्रक्रिया कानून के तहत हुई है.’ शाह ने कहा कि ‘आतंकवाद के खिलाफ जो मामले NIA दर्ज करती है, वो जटिल प्रकार के होते हैं. इनमें साक्ष्य मिलने की संभावनाएं कम होती हैं, ये अंतराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय मामले होते हैं.’
सदन में शाह ने कहा कि ‘इस बिल से मानवाधिकार का हनन नहीं होगा.’ शाह ने पूछा कि ‘आखिर इस बिल से विपक्ष क्यों डरा हुआ है.
जब दिग्विजय सिंह ने किया यह सवाल
कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने तीन केसों का नाम लेकर कहा कि NIA द्वारा तीनों केसों में सजा नहीं हुई. इस पर शाह ने कहा कि – ‘मैं बताना चाहता हूं कि इन तीनों केसों में राजनीतिक प्रतिशोध के अधार पर एक धर्म विशेष को आतंकवाद के साथ जोड़ने का प्रयास किया गया था.’
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