
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के रामपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद आज़म खान बड़ी मुसीबत में फंसते दिख रहे हैं. आजम खान के खिलाफ रामपुर पुलिस ने डकैती के मामले में एफआईआर दर्ज की है. एफआईआर में आजम खान, पूर्व सीओ आले हसन, फ़साहत शानू, वीरेंद्र गोयल, एसओजी के सिपाही धर्मेंद्र पर डकैती, आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है. आरोप है कि रामपुर पब्लिक स्कूल बनाने के नाम पर जमीन लेकर इन्होंने दूसरी जगह पीड़ितों को बसाया था. एक पीड़ित का आरोप है कि उसे बसाने के बाद फिर से उजाड़ा गया. सरायगेट घोसियान के नन्हे ने ये एफआईआर दर्ज कराई है. 15 अक्टूबर 2016 के इस मामले में कोतवाली में केस दर्ज कर लिया गया है।
मामले में रामपुर एसपी डॉ अजय पाल शर्मा ने बताया कि कोतवाली थाना क्षेत्र में नन्हें नाम के व्यक्ति और कुछ अन्य लोगों द्वारा शिकायत की गई थी. इसमें उन्होंने कहा कि पहले उन्हें लालच देकर उनकी जमीन छीनी गई और उनका घर तोड़ा गया. इस दौरान उनके घर का सामान, ज्वैलरी और पशुधन की लूटपाट की गई. मामले की जांच कराई तो मामला सही पाया गया है. इसमें दो मुकदमे थाना कोतवाली में दर्ज हुए हैं. इसमें मारपीट, धमकी देना आदि में 6 लोगों को नामजद किया गया है. इसमें सांसद आजम खान और पूर्व सीओ आलेहसन सहित कई लोगो के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. इसमें एक सिपाही भी नामजद है. उन्होंने बताया कि ये रामपुर पब्लिक स्कूल बनाने के नाम ये जमीन ली गई थी, ये पूरा कार्य अवैध था. जांच की जा रही है, सबूत जुटाए जा रहे हैं, आगे उसी आधार पर कार्रवाई होगी.
29 केसों में आजम को नहीं मिली है अग्रिम जमानत
बता दें इससे पहले बुधवार को रामपुर में जमीन कब्जाने के आरोप में दर्ज 28 मुकदमों और किताबें चोरी करने के एक केस में सपा सांसद आजम खान (Azam Khan) की अग्रिम जमानत की अर्जी को जिला न्यायालय ने खारिज कर दिया. बता दें कोर्ट ने मंगलवार को लंबी सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. सांसद की ओर से दाखिल जिन अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्रों पर मंगलवार को सुनवाई हुई, इनमें 28 जमीनों पर कब्जे से जुड़े मामले रहे. ये जमीनें आलियागंज के किसानों की हैं.
सपा शासन काल में मंत्री रहते किया कब्जा
इन सभी किसानों का आरोप है कि सपा शासनकाल में मंत्री रहते आजम खान ने जबरन उनकी जमीनों पर कब्जा कर लिया. जमीनों को अपनी जौहर यूनिवर्सिटी में मिला लिया. इसके अलावा एक मुकदमा मदरसा आलिया से किताबें चोरी का है, जो शहर कोतवाली में दर्ज हुआ था. यह किताबें पुलिस ने पिछले दिनों जौहर यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी से बरामद की थीं. सेशन कोर्ट में इन मामलों में अग्रिम जमानत पर बहस के लिए सांसद की ओर से सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता एवं पूर्व सहायक महाधिवक्ता एसआर खान पहुंचे. उन्होंने और अन्य सहयोगी वकीलों ने सभी मामलों को राजनीति से प्रेरित बताया और कहा कि जमीनें खरीदी गई हैं.
वहीं प्रशासन की ओर से तैनात किए गए जिला शासकीय अधिवक्ता (राजस्व) ने बचाव पक्ष की ओर से लगाए गए आरोपों को नकार दिया. कहा कि सभी मुकदमों के सुबूत हैं. पुलिस का इरादा किसी को अपमानित कर गिरफ्तार करने का नहीं है. अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता (राजस्व) अजय तिवारी ने बताया कि बहस पूरी हो गई, जिसके बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था.
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