पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला की रिहाई

दिल्ली हाई कोर्ट ने जूनियर बेसिक टीचर (जेबीटी) भर्ती घोटाले में 10 साल की सजा काट रहे हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री व इनेलो चीफ ओम प्रकाश चौटाला की रिहाई पर सुनवाई पूरी करते हुए फैसला सुरक्षित रखा लिया है। जस्टिस मनमोहन और जस्टिस संगीता ढींगरा सहगल की बैंच ने सभी दलीलें सुनने के बाद फैसले को सुरक्षित रखा है। हाई कोर्ट बैंच सप्ताह में किसी भी दिन अपना फैसला सुना सकती है।

सन 2018 में केंद्र सरकार ने एक नया नियम बनाया था कि 60 साल या उससे अधिक उम्र के ऐसे पुरुष कैदियों जिन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली है, उन्हें विशेष योजना के तहत रिहा किया जाएगा। पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला ने दिल्ली हाई कोर्ट में इसी का आधार लेकर याचिका दायर की थी कि उनकी सजा सात साल पूरी हो चुकी है और उनकी उम्र भी 84 साल है। ऐसे में उनकी सजा बाकी माफ करने के लिए ही उन्होंने हाई कोर्ट में गुहार लगाई। बता दें कि नवम्बर 1999 में हरियाणा में 3206 शिक्षक पदों का विज्ञापन जारी हुआ।

अप्रैल 2000 में रजनी शेखर सिब्बल को प्राथमिक शिक्षा निदेशक नियुक्त किया गया। जुलाई 2000 में रजनी शेखर को पद से हटाकर संजीव कुमार को निदेशक बनाया गया। दिसम्बर 2000 में भर्ती प्रक्रिया पूरी हुई और 18 जिलों में जेबीटी शिक्षक नियुक्त हुए। जून 2003 में संजीव कुमार इस मामले में धांधली होने का हवाला देकर मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले गए। नवम्बर 2003 में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को जांच करने का आदेश दिया। मई 2004 में सीबीआई ने जांच शुरू की। फरवरी 2005 में संजीव कुमार से पूछताछ हुई। जून 2008 में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई। जुलाई 2011 में सभी आरोपियों के खिलाफ चार्ज फ्रेम कर दिए गए। दिसम्बर 2012 में केस की सुनवाई पूरी हुई। 16 जनवरी 2013 को ओम प्रकाश चौटाला और उनके पुत्र अजय चौटाला समेत 55 दोषी करार दिए गए।

22 जनवरी 2013 को 10-10 साल की सजा सुनाई गई। तब से तिहाड़ जेल में ओम प्रकाश चौटाला सजा काट रहे हैं। न्यायाधीश मनमोहन और संगीता सहगल की पीठ में मंगलवार को मामले की सुनवाई हुई, जिसमें ओम प्रकाश चौटाला के वकीलों ने दलील रखी कि उन्हें नियमों के तहत छूट मिले, उनकी बढ़ती उम्र और विकलांगता को भी ध्यान में रखा जाए। वहीं दिल्ली सरकार की तरफ से तर्प दिया गया कि यह भ्रष्टाचार का मामला है इसलिए इन्हें कोई रियायत नहीं मिलनी चाहिए। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।

हालांकि उम्मीद है कि एक सप्ताह के अंदर अदालत फैसला सुना देगी, जिसके बाद स्पष्ट हो जाएगा कि ओम प्रकाश चौटाला जेल से रिहा होंगे या उन्हें शेष बची सजा भी काटनी पड़ेगी। 3206 जेबीटी शिक्षकों की भर्ती घोटाला तत्कालीन प्राथमिक शिक्षा निदेशक संजीव कुमार ने उजागर किया था। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में इसके खिलाफ याचिका भी दायर की। हालांकि बाद में इस मामले में संजीव कुमार को भी शामिल पाया गया था। सीबीआई के अनुसार संजीव भी इस घोटाले में भागीदार थे।

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