नई दिल्ली। Google ने आज भारत की पहली महिला विधायक डॉ. मुथुलक्ष्मी रेड्डी का Doodle बनाया है। आज इनकी 133वीं जयंती है। डॉ. रेड्डी को लोग एक शिक्षक, समाज सुधारक, सर्जन और व्यवस्थापक के तौर पर जानते और याद करते हैं। इन्होंने महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाने पर काम किया था। साथ ही लिंग भेद के लिए भी लड़ाई लड़ी। इस Doodle में डॉ. रेड्डी के हाथ में एक किताब है और दूसरा हाथ सीधा किया हुआ है। इनके पीछे महिलाएं और बच्चियां भी दिखाई गई हैं।
जानें डॉ. रेड्डी के जीवन के बारे में: इनका जन्म वर्ष 1883 में 30 जुलाई को तमिलनाडु के पुडुकोट्टई में हुआ था। रेड्डी के माता-पिता इनकी शादी कम उम्र में ही करना चाहते थे लेकिन उन्हें पहले अपनी पड़ाई पूरी करनी थी। उन्होंने डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए मद्रास के मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लिया। इस कॉलेज में ये पहली महिला थीं जो डॉक्टरी की पढ़ाई कर रही थीं। यहां उनकी दोस्ती एनी बेसेंट और सरोजिनी नायडू से हुई थी।
बीच में छोड़ा मेडिकल करियर: डॉ. रेड्डी ने मेडिकल करियर को बीच में ही छोड़ दिया था। मेडिकल करियर को त्याग कर उन्होनें राजनीति का रास्ता चुना। इन्हें मद्रास विधानसभा की पहली महिला सदस्य चुना गया था। इसके बाद इन्होंने कम उम्र में शादी कराने की प्रथा को खत्म करने के लिए कुछ नियम बनाए। इसके साथ ही उन्होनें समाज में महिलाओं के शोषण के खिलाफ भी आवाज उठाई।
बनाया कैंसर अस्पताल: डॉ. रेड्डी की बहन की मृत्यू कैंसर से हुई थी जिसके बाद से वो गहरे सदमे में थी। उन्होंने लोगों के लिए वर्ष 1954 में चेन्नई में अद्यार कैंसर इंस्टिट्यूट की शुरुआत की। आपको बता दें कि यह कैंसर अस्पताल अभी भी दुनिया के सबसे सम्मानित कैंसर हॉस्पिटल्स में से एक है। यहां पर हर वर्ष 80,000 से ज्यादा कैंसर से पीड़ित लोगों का इलाज किया जाता है। वर्ष 1956 में भारत सरकार की तरफ से देश की सेवा करने के लिए उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। इनका निधन 22 जुलाई वर्ष 1968 को चेन्नई में हुआ।
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