कृषि कानूनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट सौंपी

प्रमुख संवाददाता
नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों को लेकर बनाई गई तीन सदस्यीय समिति ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी रिपोर्ट सौंप दी। सीलबंद लिफाफे में सौंपी गई इस रिपोर्ट पर 5 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। तीन सदस्यीय समिति के सदस्य और कृषि अर्थशास्त्री अनिल घनवात ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को सील बंद लिफाफे में 19 मार्च को यह रिपोर्ट सौंपी गई थी। सुप्रीम कोर्ट की ओर से कमिटी को रिपोर्ट सौंपने के लिए 20 मार्च तक का वक्त दिया गया था।

सुप्रीम कोर्ट की तरफ से नियुक्त की गई कमेटी में कृषि विशेषज्ञ और शेतकारी संगठनों से जुड़े अनिल धनवत, अशोक गुलाटी और प्रमोद जोशी शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 11 जनवरी को समिति का गठन किया था।

धनवत के अलावा कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी और प्रमोद कुमार जोशी समिति के अन्य सदस्य हैं। किसान नेता भूपिंदर सिंह मान को भी इस समिति का सदस्य भी बनाया गया था, लेकिन उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया था। किसान संगठन इस समिति का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इसके सदस्य पहले ही कृषि कानूनों का समर्थन कर चुके है। बाद में कोर्ट ने उन्हीं को समिति में शामिल कर लिया। गौरतलब है कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले साल नवंबर से किसान संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं।

दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर किसान डेरा जमाए हुए हैं। तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने और एमएसपी पर कानून बनाए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं। किसानों के प्रदर्शन के कारण ही सुप्रीम कोर्ट ने पहले चार सदस्यीय कमेटी बनाई थी। चार सदस्यीय कमेटी में से किसान नेता भूपिंदर सिंह मान अलग हो गए थे। इसके बाद कमेटी तीन सदस्यीय हो गई। इस कमेटी के सदस्यों ने देश के अलग-अलग किसान संगठनों से वार्ता की थी। फिर सुप्रीम कोर्ट को सील बंद लिफाफे में रिपोर्ट सौंप दी।

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