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नई दिल्ली। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के नतीजे बताते हैं कि देश की 21 फीसदी आबादी में कोविड संक्रमणके सबूत मिले हैं. वहीं, गुरुवार को सरकार ने कहा कि आबादी का एक बड़ा हिस्सा अभी भी संक्रमण के जोखिम में है. का यह तीसरा सर्वे बीते साल 7 दिसंबर से लेकर 8 जनवरी तक किया गया था. सर्वे के मुताबिक, शहर के झुग्गी इलाकों में कोरोना वायरस का प्रकोप ज्यादा है।
सर्वे की प्राप्तियों के बारे में बताने के दौरान के महासचिव डॉक्टर बलराम भार्गव ने कहा कि 18 साल और इससे ज्यादा उम्र के 28 हजार 589 लोगों पर सर्वे किया गया था. इनमें से 21.4 प्रतिशत लोगों में पहले कोरोना वायरस संक्रमण के सबूत मिले हैं. वहीं, इतनी ही संख्या में 10 से 17 साल के बच्चों को सर्वे में शामिल किया गया था. इनमें 25.3 प्रतिशत बच्चे भी इस बीमारी का सामना कर चुके हैं।
उन्होंने बताया कि शहरी झुग्गी इलाकों में वायरस का प्रसार 31.7, बगैर झुग्गी वाले क्षेत्रों में 26.2 फीसदी है. जबकि, ग्रामीण इलाकों में यह आंकड़ा 19.1 प्रतिशत पर है. भार्गव ने जानकारी दी कि 60 से ज्यादा उम्र के 23.4 प्रतिशत लोग कोविड-19 संक्रमण का शिकार हो चुके हैं. हालांकि, अच्छी खबर है कि भारत में दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन प्रोग्राम की शुरुआत हो चुकी है।
बीती 16 जनवरी से पहले चरण का टीकाकरण शुरू हो गया है। सरकार पहले चरण में स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोगों को वैक्सीन दे रही है। पहला डोज मिलने के बाद अब स्वास्थ्यकर्मियों को दूसरा डोज 13 फरवरी से दिया जाएगा. यह जानकारी नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वीके पॉल ने दी है। उन्होंने बताया कि फिलहाल कर्मियों को पहला डोज ही दिया गया है।
गुरुवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी कि देश में अब तक 45 लाख लाभार्थियों को वैक्सीन दी जा चुकी है. भारत ने यह आंकड़ा महज 19 दिन में छू लिया गया. खास बात है कि भारत सबसे तेज 40 लाख वैक्सीन लगाने वाला विश्व का पहला देश है. वहीं, मंत्रालय का कहना है कि वैक्सीन लेने के लिए पहुंच रहे लाभार्थियों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है।
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