रात को गर्ल्स हॉस्टल की खिड़कियों पर मंडराते हैं ड्रोन कैमरे, छात्राओं की नींद उड़ी!

नई दिल्ली। रोहतक में बनी महर्षि दयानन्द यूनिवर्सिटी के गर्ल्ज हॉस्टल में रहने वाली करीब अढाई हजार छात्राओं की प्राईवेसी खतरे में है। होस्टलों पर रातों में ड्रोन कैमरे मंडरा रहे हैं, जिससे यहां रहने वाली छात्राओं की नींद उड़ी हुई है. लेकिन यूनिवर्सिटी प्रबंधन मामले को गंभीरता से लेने की बजाय छात्राओं की आवाज को ही दबाने में जुटा है।

हालांकि यूनिवर्सिटी प्रबंधन इस ड्रोन कैमरों के मंडराते की बात से साफ इनकार कर रहा है. जबकि हॉस्टल में रहने वाली छात्राएं अपने मोबाइल फोनों से इन ड्रोन कैमरों की वीडियो क्लिप तक बनाकर दिखा रही हैं.

दरअसल एमडी यूनिवर्सिटी परिसर में लड़कियों के रहने के लिए 9 हॉस्टल बनाये गए हैं जिनमें हरियाणा ही नहीं बल्कि दिल्ली, पंजाब, जम्मू-कश्मीर और यूपी समेत देश के अन्य कई प्रदेशों की करीब ढाई हजार छात्राएं रहती हैं. हॉस्टल में रहने वाली ये छात्राएं पिछले करीब 20 दिन से दहशत के साए में रह रही हैं. यह दहशत उन ड्रोन कैमरों की वजह से है जो रातों को इन हॉस्टलों की छतों एवं कमरों के आसपास मंडराते हुए देखे जा रहे हैं.

लड़कियों ने बताया कि ड्रोन कैमरों के हॉस्टलों के आसपास मंडराने की घटनाओं के बारे में यूनिवर्सिटी प्रबंधन को बार-बार बताया जा रहा है लेकिन अधिकारी मामले को गंभीरता से नहीं ले रहे. इन ड्रोन कैमरे रातों को अमूमन 12:00 बजे से लेकर 3:00 बजे के बीच में लड़कियों के हॉस्टलों के ऊपर और कमरों के आसपास उड़ते हुए देखे गए हैं.

लड़कियों को डर है कि इन ड्रोन कैमरों के जरिए उनकी फोटोज ली जा रही है. जो न केवल गैरकानूनी है, बल्कि उनकी प्राइवेसी से भी खिलवाड़ है. यूनिवर्सिटी प्रबंधन को पुलिस की मदद लेनी चाहिए और ड्रोन कैमरे के जरिए वीडियोग्राफी या फोटोग्राफी करने वाले लोगों के बारे में पता लगाना चाहिए क्योंकि यह हजारों लड़कियों की प्राइवेसी से जुड़ा हुआ बेहद गंभीर मामला है जिसकी अनदेखी नहीं की जा सकती, क्योंकि इन हॉस्टलों में देशभर के विभिन्न राज्यों की लड़कियां रहती हैं.

रातों में मंडराते हैं ड्रोन
लड़कियों के मुताबिक अन्य दिनों की भांति वीरवार की रात को भी हॉस्टलों के आसपास ड्रोन कैमरे मंडराते हुए देखे गए. कई लड़कियों ने इन ड्रोन कैमरा की वीडियो भी अपने मोबाइल से बनाई हैं, जिनमें आसमान में ड्रोन कैमरे की उपस्थिति साफ तौर पर देखी जा सकती है. ड्रोन को देखकर लड़कियां एकजुट हुई और हॉस्टल वार्डन के अलावा यूनिवर्सिटी के वीसी से भी मिलने का प्रयास किया मगर कोई भी अधिकारी सुनने को तैयार नहीं हुआ.

सहमी हुईं हैं हॉस्टल की लड़कियां
हालात ऐसे रहे कि रात 3:00 बजे डरी सहमी दर्जनों छात्राएं हॉस्टल को छोड़कर वीसी सर से मिलने उनके निवास स्थान तक भी गई लेकिन बड़े साहब बाहर नहीं आए. लड़कियां काफी इंतजार कर वापस आकर हॉस्टल के बाहर ही धरने पर बैठ गई, जहां से उन्हें सिक्योरिटी वालों ने उठा दिया. लड़कियों का कहना है कि यूनिवर्सिटी प्रबंधन और सिक्योरिटी स्टाफ उनको यह कहकर टरका रहा है कि यह ड्रोन कैमरे नहीं, कोई एरोप्लेन आदि हो सकते हैं जबकि ऐसा नहीं है क्योंकि एरोप्लेन और ड्रोन कैमरे का फर्क वे भली-भांति समझती हैं. लड़कियों ने यूनिवर्सिटी के चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर पर रात को बदतमीजी करने का आरोप भी लगाया है.

यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने नहीं की बात
पूरे मामले को लेकर यूनिवर्सिटी प्रबंधन से बातचीत कर उनका पक्ष जानने के प्रयास भी किए लेकिन वीसी से लेकर रजिस्ट्रार और चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर तक बातचीत करने के लिए उपलब्ध नहीं हो पाए. कहने में दो राय नहीं कि लड़कियों की प्राइवेसी से जुड़े इस बेहद गंभीर मामले में यूनिवर्सिटी प्रबंधन घोर लापरवाही बरत रहा है. कायदे से तो इस मामले में बिना वक्त गवाएं पुलिस प्रशासन की मदद लेकर पता लगाया जाना चाहिए था कि आखिर गर्ल्स हॉस्टल के आसपास मंडराने वाले इन ड्रोन कमरों का राज क्या है?

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