
ग्वालियर। अटलजी के लिए ग्वालियर घर-आंगन था। कमलसिंह का बाग में बचपन बीता। गोरखी स्कूल और एमएलबी कॉलेज में शिक्षा हुई। लोगों के जेहन में कई किस्से हैं। बहादुरा के लड्डुओं की मिठास और अम्मा के चटपटे मंगोड़ों का स्वाद घुला है। उनके निधन से जैसे घर-आंगन सूना हो गया।
कमल सिंह का बाग स्थित पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी का पैतृक निवास पर गुरुवार को दुख पसरा था। एम्स में उपचाररत अटलजी की तबीयत नाजुक होने की खबरों के बीच सुबह से ही यहां उनके शुभचिंतकों का आना-जाना लगा रहा। इसी मकान के एक हिस्से में रहने वालीं उनकी भतीजी कांति मिश्रा से मिलने भी लोग पहुंच रहे थे। शाम को टेलीविजन पर अटलजी के निधन की खबर सुनी तो सभी स्तब्ध रह गए। भतीजी कांति की आंखों से आंसू बहने लगे। उनके शब्द थे-मेरे घर का आखिरी स्तंभ भी चला गया। बातचीत के दौरान वे गुरुदत्त पर फिल्माया गाना बिछड़े सभी बारी-बारी…की याद कर रोने लग जाती थीं।
टेलीविजन और टेलीफोन पर टिकी रहीं निगाहें :घर के प्रथम तल पर टीनशेड के नीचे खटिया डालकर बैठी 72 वर्षीय कांति मिश्रा की आंखें सुबह से टेलीविजन और कान टेलीफोन की घंटी पर ठहरे हुए थे। फोन की घंटी बजती, तो वे रिसीव करने तत्काल परिजन को भेज देती थीं। वे भगवान से प्रार्थना कर रही थीं कि बस डॉक्टर की एक दवा अटलजी को लग जाए, तो फिर सारी दवाएं काम करने लगेंगी। वे कहने लगीं-15 अगस्त पर परमाणु फिल्म में चाचाजी की तस्वीर देखी तो मन खुश हो गया था। वे हमेशा बुराई में भी अच्छाई खोज लेते थे। तांगे में बैठाकर सभी को मेला ले जाना, वहां झूले पर बैठाना, मंगोड़े और गाजर का हलुआ खाना, सब कुछ याद है। हालांकि पिछले 13 साल से वे इस घर में नहीं आए। तीन साल पहले मैं ही उनसे मिलने दिल्ली गई थी।
परिवार के लोग पहुंचे दिल्ली :अटलजी की हालत नाजुक होने की सूचना पर ग्वालियर से उनके परिजन मंगलवार से ही दिल्ली पहुंचना शुरू हो गए थे। उनके भांजे अनूप मिश्रा (सांसद), अभय मिश्रा, अजय मिश्रा, भतीजे दीपक वाजपेयी, राजेश दीक्षित एवं विवेक दीक्षित दिल्ली में ही थे। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने सभी कार्यक्रम निरस्त कर दिल्ली रवाना हो गए। इसी तरह प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया, नगरीय विकास मंत्री माया सिंह, जनसंपर्क मंत्री नरोत्तम मिश्र भी दिल्ली पहुंच चुके हैं।
शोक में बंद रहेंगे थोक बाजार:अटलजी के निधन पर शहर के व्यापारिक संगठनों ने शोक जताया है और शुक्रवार को थोक बाजार बंद रखने का निर्णय लिया है। दाल बाजार व्यापार समिति के अध्यक्ष गोकुल बंसल, सराफा बाजार एसोसिएशन के अध्यक्ष पुरुषोत्तम जैन और लोहिया बाजार एसोसिएशन के सचिव निर्मल जैन ने बाजार बंद रखने का निर्णय लिया है। चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने अंचल के उद्यमियों से अपने कारोबारी प्रतिष्ठान बंद रखने की अपील की है। उधर परिवर्तन यात्रा और मिल बांचें कार्यक्रम भी स्थगित कर दिए गए हैं।
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