गाजियाबाद में पॉलिसी रिन्यू करवाने के नाम पर प्रोफेसर से ठगे 85 लाख रुपये

गाजियाबाद
57 लाख रुपये की लैप्स हुई पॉलिसी को रिन्यू करने के नाम पर रिटायर्ड प्रोफेसर से साइबर जालसाजों ने 85 लाख रुपये ठग लिए। साइबर सेल में शिकायत के बाद जांच की जा रही है। साइबर सेल प्रभारी सुमित कुमार ने बताया कि कौशांबी थाना क्षेत्र में रहने वाले एक रिटायर्ड प्रोफेसर के बेटे के नाम पर एक प्राइवेट बैंक से पॉलिसी करवाई गई थी।

2016 में पॉलिसी लैप्स हो गई थी। इसके बाद कोरोना काल में आरोपितों ने प्रोफेसर को कॉल किया और उस पॉलिसी के बारे में पूरी जानकारी देने की बात कही और उसे कुछ फीस के बदले घर बैठे रिन्यू करने का दावा किया। उन्हें विश्वास दिलवाने के लिए कई जानकारी दी गई। उन्होंने उस समय मना कर दिया। इसके बाद करोनो की दूसरी लहर बीतने के बाद जुलाई में एक बार फिर ठगों ने पहले से ज्यादा फायदे बताकर कॉल किया। इस बार रिटायर्ड प्रोफेसर ठगों की बातों में आ गए और उन्होंने पॉलिसी को रिन्यू करवाने के लिए हामी भर दी।

30 बार खाते में डलवाए रुपये
इस मामले में मिली जानकारी के अनुसार रिटायर्ड प्रफेसर से ठगों ने 2-4 बार नहीं बल्कि 30 बार में करीब 85 लाख रुपये लिए। इस दौरान ठगों ने उनसे अलग-अलग बैंक खातों में रुपये डलवाए। ठगों ने जिस पॉलिसी के नाम पर प्रफेसर से रुपये लिए उसके पूरा होने पर उन्हें 57 लाख रुपये मिलते। पुलिस इस मामले में सभी डिटेल ले रही है।

इन बातों का रखें ध्यान
– पॉलिसी के लैप्स होने के बाद कंपनी कॉल कर उसे रिन्यू करवाने के नाम पर कॉल नहीं करते हैं।

– साइबर ठगों के पास थर्ड पार्टी की तरफ से डेटा होता है, ऐसे में अगर कोई पॉलिसी की डिटेल दे तो इस संबंध में कंपनी में जाकर उसे वेरीफाई करें।
– ठग पॉलिसी को रिन्यू करने के नाम पर कई फायदे बताएंगे, अगर कोई गिफ्ट कंपनी की पॉलिसी में होगा तो वह वेबसाइट पर अपडेट किया जाएगा। ऐसे में उसे चेक करें।
– अगर कोई अकाउंट नंबर रुपये जमा करवाने के लिए दिया जाता है तो उसे पहले कंपनी से चेक जरूर करें। साथ ही अलग-अलग अकाउंट दें तो अलर्ट हो जाएं।

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*