नई दिल्ली : भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी सायना नेहवाल ने इतिहास रचते हुए एशियन गेम्स में 36 साल के बाद भारत को महिला एकल में मेडल दिलाया। हालांकि वह सेमीफाइनल मुकाबले में चीनी ताइपे की ताइ जू यिंग से सीधे गेम में हार गई और भारत का गोल्ड जीतने का सपना टूट गया। लेकिन इस हार के बावजूद भी उन्होंने इतिहास रचा और वह इस टूर्नामेंट में मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी बनीं।
चीनी ताइपे की ताइ जू यिंग ने सीधे गेम में 21-17 और 21-14 से हरा दिया। सायना ने पहला गेम 21-17 से गंवाया, जबकि दूसरे गेम में उन्होंने वापसी करने की कोशिश की, लेकिन दुनिया की नंबर वन खिलाड़ी ने लगातार पॉइंट्स अर्जित करते हुए 21-14 से जीत दर्ज कर फाइनल में प्रवेश कर लिया। बता दें कि साइना नेहवाल और ताइ जू यिंग के बीच इससे पहले 16 मुकाबले खेले गए, जिसमें से भारतीय शटलर के खाते में सिर्फ 5 जीत दर्ज थी, जबकि 11 मुकाबले यिंग ने अपने नाम किए थे।
यह पहला मौका है जब एशियाई खेलों के बैडमिंटन स्पर्धा के महिला एकल में भारत को मेडल मिला है। इससे पहले कभी किसी शटलर ने महिला एकल में मेडल नहीं जीता था। बैडमिंटन इंडिविजुअल इवेंट में आखिरी बार सैयद मोदी ने 1982 में ब्रॉन्ज मेडल जीता था।
क्वॉर्टर फाइनल, 26 अगस्त
सायना ने क्वॉर्टर फाइनल में थाइलैंड की रतचानोक इंतानोन को सीधे गेम में 21-18 और 21-16 से हराया। पहले गेम में निराशजनक शुरुआत से लग रहा था कि सायना पहला गेम गंवा देंगी, लेकिन भारतीय शटलर ने जोरदार वापसी करते हुए न केवल पहला गेम जीता, बल्कि दूसरे गेम में भी जीत दर्ज करते हुए सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया। सायना और थाई खिलाड़ी के बीच यह 16वीं भिड़ंत थी, जिसमें भारतीय स्टार शटलर ने 11वीं बार जीत दर्ज की।
प्री-क्वॉर्टर फाइनल, 25 अगस्त
इससे पहले सायना ने राउंड ऑफ 16 के मुकाबले में इंडोनेशिया की फितरियानी को सीधे गेम में 21-6 और 21-14 से पराजित किया। सायना
ने पहला गेम 21-6 से जीता, जबकि दूसरे गेम को 21-14 से अपने नाम करते हुए क्वॉर्टर फाइनल में प्रवेश कर लिया। इन दोनों खिलाड़ियों के बीच यह चौथा मुकाबला था, जिसमें से चारों मुकाबले सायना के नाम रहे हैं।
पहले मुकाबला, 23 अगस्त
इससे पहले सायना ने टूर्नामेंट में अपने पहले मुकाबले में ईरान की सुरैया अघाजियाघा को सिर्फ 26 मिनट में 21-7, 21-9 से हरा दिया था।
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