बंगाल में घोटाले के दागः उनके पास कीचड़ है, तो मेरे पास अलकतरा, इसके धब्बे नहीं छूटते: ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की राजनीति में भूचाल बरपाने वाले शिक्षक भर्ती घोटाले में अरेस्ट मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी की 3 अगस्त तक ईडी की हिरासत में हैं। इस बीच प्रवर्तन निदेशालय(ED) की टीम पार्थ चटर्जी को भुवनेश्वर के एम्स हॉस्पिटल से जांच कराने के बाद वापस कोलकाता लेकर पहुंची। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एम्स डायरेक्टर ने पार्थ चटर्जी को मेडिकली फिट बताया है। डॉक्टरों ने चेकअप के बाद बताया कि चटर्जी के सीने में दर्द नहीं है और उसकी हालत स्थिर है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने निर्देश दिया था कि ईडी की हिरासत में आरोपियों की हर 48 घंटे में मेडिकल जांच कराई जाए। अदालत ने जांच अधिकारी को मंत्री पार्थ चटर्जी या उनकी सहयोगी अर्पिता बनर्जी पर किसी प्रकार की यातना न देने का भी आदेश दिया था।

पहले यह खबरें रहीं कि ममता ने एसएससी घोटाले में फंसे पार्थ चटर्जी से दूरी बना ली है। गिरफ्तारी के दिन चटर्जी ने ममता को 4 बार फोन किया, लेकिन एक भी रिसीव नहीं किया गया। उन्होंने सुबह 2.31 बजे फिर 2.33 बजे फोन किया। तीसरी बार 3.37 बजे और चौथी बार 9.35 बजे लेकिन, ममता बनर्जी ने रिसीव नहीं किया। अब ममता का एक बयान सामने आया है। ममता ने पार्थ की गिरफ्तारी को साजिश बताते हुए भाजपा पर भड़ास निकालते हुए कहा कि अगर उनके पास कीचड़ है, तो हमारे पास अलकतरा(Coal tar यानी डांबर) है, जिसे दाग धुलते नहीं हैं। हालांकि ममता ने यह भी कहा कि जो दोषी है, उसे सजा मिलनी चाहिए। उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता, अगर उम्र कैद भी हो जाए। लेकिन ममता ने यह भी जोड़ा कि देश में कई ऐसे बड़े घोटाले हुए हैं, जिनका आज तक कोई हल नहीं निकल पाया है। किसी मामले में ट्रायल के दौरान ही आरोपी की मौत हो गई, जबकि कुछ मामले में फैसला आने में ही दशक लग गए।

पार्थ चटर्जी को 26 घंटे की पूछताछ के बाद ED ने 23 जुलाई अरेस्ट किया था। जबकि अर्पिता के यहां 22 जुलाई को छापे मारे गए थे। अर्पिता के यहां 22 जुलाई को छापे मारे गए थे। मंत्री की करीबी अर्पिता मुखर्जी के ठिकाने से ईडी ने 21 करोड़ से अधिक रुपये बरामद किए थे। इसके अलावा उनके घर से 20 मोबाइल फोन और 50 लाख रुपए की ज्वैलरी भी बरामद हुई थी। बता दें कि पश्चिम बंगाल में 2014 और 2016 में शिक्षकों की भर्ती की गई थी। दो कैंडिडेट्स ने कलकत्ता हाईकोर्ट में नियुक्ति में धांधली का आरोप लगाते हुए याचिका दाखिल की थी। हाईकोर्ट ने इस मामले में CBI जांच के आदेश दिए थे। वहीं, मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ED जांच कर रही है।

 

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