मथुरा। अब यूपी बोर्ड के साथ सीबीएसई, आईसीएसई बोर्ड से संचालित विद्यालय संचालकों को छात्रों से ली जा रही फीस का विवरण अपनी बेवसाइट या फिर नोटिस बोर्ड पर चस्पा करना होगा। फीस निर्धारण को लेकर अगर मनमानी हुई तो भारी भरकम जुर्माना और मान्यता तक रद्द हो सकती है।
प्रदेश में शुल्क अध्यादेश लागू होने के बाद अब प्राइवेट स्कूलों पर शिकंजा कसने की तैयारी है। इसके अलावा अध्यादेश के नियमों का उल्लंघन करने पर एक लाख, दूसरी बार उल्लंघन पर पांच लाख का जुर्माना और तीसरी बार उल्लंघन करने पर मान्यता तक रद्द कर दी जाएगी।
जिला विद्यालय निरीक्षक डा. अरुण कुमार दुबे बताया कि अध्यादेश लागू होने के बाद अब उसके लागू होने की निगरानी की जा रही है। इसके लिए विद्यालय संचालकों को भी अवगत करा दिया जाएगा। अगर किसी विद्यालय की शिकायत आई तो नियमानुसार कार्रवाई करेंगे।
अध्यादेश में इन नियमों का करना होगा पालन
विद्यालयों को प्रत्येक शैक्षिक वर्ष शुरू होने से 60 दिन पहले अपनी फीस का विवरण वेबसाइट, नोटिस बोर्ड पर चस्पा करना होगा।
कोई विद्यालय एक साथ वार्षिक फीस नहीं ले सकेगा।
विद्यालय किताब, कॉपी, जूते, मोजे व यूनीफॉर्म किसी विशिष्ट दुकान से खरीदने को बाध्य नहीं कर सकेगा।
विद्यालय परिसर में कॉमर्शियल एक्टिविटी होगी तो उसे विद्यालय की आय माना जाएगा।
विद्यालय में नवीन प्रवेश के समय ही प्रवेश शुल्क लिया जा सकेगा।
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