बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दलों में हलचल तेज़ हो गई है. बुधवार को कांग्रेस पार्टी में लोकतांत्रिक जनता दल के प्रमुख शरद यादव की बेटी सुभाषिनी राज राव की एंट्री हुई. दिल्ली के कांग्रेस दफ्तर में उन्होंने पार्टी का दामन थामा. कांग्रेस की ओर से उन्हें बिहार के चुनावी दंगल में उतारा जा सकता है.
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शरद यादव पूर्व में जनता दल (U) के प्रमुख रहे हैं, लेकिन नीतीश कुमार के साथ अनबन के बाद उन्होंने अपनी अलग पार्टी बना ली थी. 2019 के लोकसभा चुनाव में शरद यादव की नई पार्टी महागठबंधन का ही हिस्सा थी.
शरद यादव की तबीयत बीते दिनों से खराब है और वो अभी एम्स में अपना इलाज करवा रहे हैं. कुछ दिन पहले सुभाषिनी ने ही पिता की तबीयत को लेकर एक बयान जारी किया था.
हालांकि, अब इस बारी के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस, राजद, CPI, CPM ही महागठबंधन का हिस्सा है. बिहार में कांग्रेस पार्टी को गठबंधन के तहत 70 सीटें मिली हैं, जिनमें से कांग्रेस ने कुछ पर ही उम्मीदवारों को घोषित किया है.
गौरतलब है कि बिहार में इस बार तीन चरणों में विधानसभा चुनाव होने जा रहा है. 28 अक्टूबर, तीन नवंबर और सात नवंबर को मतदान होना है, जबकि दस नवंबर को चुनाव के नतीजे घोषित किए जाएंगे. ऐसे में राजनीतिक दलों ने अपनी कमर कस ली है.
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बुधवार को ही महागठबंधन के मुख्यमंत्री उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने अपना नामांकन दाखिल किया, उससे पहले उनके बड़े भाई तेज प्रताप यादव भी पर्चा भर चुके हैं. बिहार की कुल 243 विधानसभा सीटों पर 140 सीटों पर राजद चुनाव लड़ रही है.
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