जब से महाराष्ट्र विधानसभा चु’नावों के नतीजे आए हैं तभी से भाजपा और शिवसेना के बीच सरकार बनाने के मु’द्दे पर अलग-अलग राय चल रही है। जहाँ भाजपा मुख्यमंत्री के रूप में अपने मंत्री को देखती है वहीं शिवसेना ये चाहती है कि उन्हें भी इस चुनाव का फ़ा’यदा मिले साथ ही सरकार बनाने का मौ’क़ा मिले। जहाँ ये खीं’चता न चल रही थी इसी बीच आज हुई शिवसेना की मी’टिंग में सर्वसम्मत्ति से शिवसेना के नेता एकनाथ शिंदे को शिवसेना के विधायक द’ल का ने’ता चुन लिया गया। बता दें कि ये दूसरी बार है जब शिवसेना के विधायक दल के ने’ता के रूप में एकनाथ शिंदे को चु’ना गया है।
राजनी’ति के जा’नकारों की माने तो एकनाथ शिंदे को विधा’यक द’ल का ने’ता चुनना एक बड़ा संदेश देता है। कहा जा रहा है कि शिवसेना ने आदित्य ठाकरे को विधा’यक द’ल का ने’ता न चुनकर ये सं’केत दे दिया है कि वो मुख्यमंत्री प’द को लेकर अब भाजपा से मां’ग नहीं करेगी। वहीं शिवसेना के बड़े नेता संजय राउत ने ब’यान देते हुए कहा है कि भाजपा शिवसेना को बच्चा न समझे जब से भाजपा की शुरुआत हुई है शिवसेना तब से अस्तित्व में है। वहीं सरकार बनाने के मु’द्दे पर भी संजय राउत का कहना है कि शिवसेना किसी भी हा’ल में मुख्यमंत्री प’द पूरी तरह से नहीं छोड़ेगी। साथ ही उन्होने कहा कि अगर भाजपा कहती है कि ढाई- ढाई साल की स’त्ता बाँटना सही नहीं है तो उन्हें लगता है कि संविधान को एक बार फिर से पढ़ने की ज़रूरत है
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