भाजपा से हाथ मिलाने पर शिवसेना को मिला बड़ा फायदा

महाराष्ट्र में ‘एकला चालो’ का नारा देने के बाद भाजपा से हाथ मिलाना शिवसेना के लिए फायदेमंद रहा। भाजपा के साथ गठबंधन के चलते शिवसेना 2014 के लोकसभा चुनाव  परिणाम की पुनरावृत्ति कर पाई। साथ ही, पार्टी का मत प्रतिशत भी बढ़ा है। वहीं, विपक्षी दल कांग्रेस-एनसीपी सहित बहुजन समाज पार्टी का वोट प्रतिशत घट गया है।

लोकसभा चुनाव में सूबे की 48 सीटों में से 23 भाजपा और 18 शिवसेना ने जीती है। पिछली बार भी जीत का आंकड़ा यही था लेकिन, कुछ सीटें गई तो कुछ नई सीटों पर विजय मिली है। इस बार दोनों ही पार्टियों के मत प्रतिशत बढ़े हैं। शिवसेना ने 3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है, हालांकि भाजपा के मत प्रतिशत में कोई विशेष अंतर नहीं आया है।

भाजपा के 17 लाख वोट बढ़े तो शिवसेना के 25 लाख 

साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को महाराष्ट्र में एक करोड़ 33 लाख वोट मिले थे जो बढ़कर डेढ़ करोड़ के आसपास पहुंचे हैं। इसी तरह शिवसेना को साल 2014 में एक करोड़ मत मिले थे जो इस बार बढ़कर एक करोड़ 25 लाख से अधिक हो गए हैं।

कांग्रेस का मत प्रतिशत दो फीसदी घटा

महाराष्ट्र में कांग्रेस ने पिछले साल 18.29 प्रतिशत यानि कुल 88 लाख 30 हजार मत हासिल किए थे लेकिन इस बार लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का मत प्रतिशत घटकर 16.27 हो गया और सिर्फ एक सीट पर संतोष करना पड़ा। शरद पवार की पार्टी एनसीपी ने पिछली बार लोकसभा चुनाव में छह सीटें जीतकर 16.12 प्रतिशत मत प्राप्त किए थे। जो इस बार घटकर 15.52 प्रतिशत हो गए हैं।

वहीं, बहुजन समाज पार्टी का वोट प्रतिशत 2.63 से घटकर 0.86 प्रतिशत हुआ है। माना जा रहा है कि प्रकाश आंबेडकर और एमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी के बहुजन वंचित आघाड़ी के दलितों के वोट बैंक में भारी सेंधमारी का बसपा को नुकसान उठाना पड़ा। वहीं, अन्य दलों को 14 प्रतिशत वोट मिले हैं।

महाराष्ट्र से 19 सांसद पहली बार चढ़ेंगे संसद की सीढ़ी

लोकसभा की 48 सीटों वाले महाराष्ट्र से 19 नए सांसद पहली बार संसद पहुंचे हैं। राज्य में सर्वाधिक 23 सीटें जीतने वाली बीजेपी से सर्वाधिक 10 नए सांसद चुने गए हैं। इसके बाद 4 शिवसेना, 2 एनसीपी, 1 एमआईएम, 1 कांग्रेस से और 1 निर्दलीय शामिल हैं।

गीते और अहिर सहित चार दिग्गजों ने गंवाई सीटें

शिवसेना के चार दिग्गज हार गए लेकिन, चार नए चेहरे जीत दर्ज करने में सफल हुए हैं। बड़ी उलटफेर करने वालों में केंद्रीय मंत्री अनंत गीते को हराने वाले एनसीपी के सुनील तटकरे और ऐन मौके पर शिवसेना छोड़कर कांग्रेस में गए बालूभाऊ धानोरकर शामिल हंै। धानोरकर ने केंद्रीय गृहराज्यमंत्री हंसराज अहिर को हराया।

अगले साल तक राज्यसभा में राजग के पास होगा पूर्ण बहुमत

लोकसभा में ऐतिहासिक बहुमत हासिल करने वाली भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए की राज्यसभा में भी बहुमत हासिल करने की पुरानी तमन्ना अगले साल तक पूरी हो जाएगी। उच्च सदन में पूर्ण बहुमत नहीं होने की वजह से एनडीए अपने पिछले कार्यकाल में तीन तलाक, भूमि अधिग्रहण और नागरिकता संशोधन जैसे अहम बिलों को कानूनी जामा पहनाने में नाकाम रहा था।

एक आकलन के मुताबिक, वर्ष 2020 के अंत तक 245 सदस्यीय राज्यसभा में करीब आधी सीटें एनडीए के पक्ष में होंगी। हालांकि भाजपा पिछले साल ही पहली बार कांग्रेस को पछाड़कर आगे निकल गई थी। फिलहाल सदन में एनडीए के सांसदों की संख्या 101 है। तीन मनोनीत सदस्यों मैरी कॉम, स्वप्न दास गुप्ता, नरेंद्र जाधव तथा तीन निर्दलीय सांसदों को मिलाकर यह आंकड़ा 107 बैठता है।

राज्यसभा के लिए हर दो साल में होने वाला चुनाव 2020 में होगा और उस वक्त एनडीए अपने खाते में और 19 सांसदों को जोड़ सकती है। ऐसे में एनडीए का आंकड़ा बढ़कर 125 हो जाएगा जोकि 245 सदस्यीय सदन के आधे से अधिक होगा। ये नए सांसद उत्तर प्रदेश, बिहार, तमिलनाडु, गुजरात और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों से चुनकर आएंगे।

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