नई दिल्ली। सामना के कार्यकारी संपादक और सांसद संजय राऊत को शिवसेना के संसदीय दल (लोकसभा और राज्यसभा)के नेता के तौर पर नियुक्त किया गया है। शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने इस बता की जानकारी लोकसभा स्पीकर को खत लिखकर दी है। उन्होंने खत में लिखा है कि लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों के लिए संजय राऊत को शिवसेना का संसदीय दल का नेता चुन लिया गया है।
गौरतलब है कि मोदी सरकार के ख़िलाफ़ लाये गए अविश्वास प्रस्ताव के वक़्त शिवसेना में व्हिप को लेकर गड़बड़ी हुई थी, चीप व्हिप चंद्रकांत खैरे ने मोदी सरकार के पक्ष में वोटिंग का व्हिप निकाला था संजय राऊत ने इसका खंडन करते हुए पार्टी सुप्रीमो उद्धव ठाकरे ने वोटिंग के वक़्त सदन से बाहर रहने का फैसला किया है यह जानकारी संजय राऊत ने दी थी,व्हिप की गड़बड़ी के बाद शिवसेना ने लोकसभा के नेता के तौर पर कार्यरत आनंदराव अडसुल को हटाकर संजय राऊत को दोनों सदनों का जिम्मा सौंप दिया गया संजय राऊत पर दोनों सदनों के एमपी के बीच तालमेल बनाने का जिम्मा रहेगा।
बहराल, जानकारी के लिए आपको बता दें कि 16 वी लोकसभा में शिवसेना के लोकसभा में 18 सांसद और तो राज्यसभा में 3 सांसद है,आने वाले लोकसभा चुनाव में शिवसेना के सांसदों को अपने जाल में फाँसने की तैयारी भाजपा की तरफ से शुरू हो चुकी थी जिसे रोकने के लिए संजय राऊत को दोनों सदनों का नेता बनाया गया।
दिल्ली की राजनैतिक डेवलोपमेन्ट पर नज़र रखने का काम सांसद अनिल देसाई पर था लेकिन जीएसटी और फ्यूल प्राइस के मुद्दे पर अरुण जेटली और धर्मेंद्र प्रधान के साथ हुई बैठक में अनिल देसाई आक्रामक होने के बजाए शांत ही नज़र आये इतना ही नहीं सांसदों को विदेश भेजने के वक़्त अनिल देसाई ही बार बार विदेश जाते रहे,इस बारे में कई सांसदों ने इसकी शिक़ायत उद्धव ठाकरे से की।
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