अफगानिस्तान के हेरात शहर में शुक्रवार को एक बड़े आतंकी हमले को अंजाम दिया गया है। हेरात के गुजरगाह मस्जिद में बम धमाका हुआ है। धमाके की चपेट में आकर 20 लोगों की मौत हो गई और करीब 200 लोग घायल हो गए। घायलों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
बम धमाके में अफगानिस्तान के एक प्रमुख मौलवी मुजीब-उल रहमान अंसारी की मौत हो गई। शुक्रवार होने के चलते बड़ी संख्या में लोग दोपहर की नमाज के लिए गुजरगाह मस्जिद में जुटे थे। लोग नमाज पढ़ रहे थे तभी धमाका हो गया। धमाके के बाद अफरा-तफरी मच गई।
मुजीब-उल रहमान अंसारी एक प्रमुख मौलवी थे। वह पिछले दो दशकों में देश की पश्चिमी समर्थित सरकारों की आलोचना के लिए जाने जाते थे। उन्हें तालिबान का करीबी माना जाता था। तालिबान ने 2021 में विदेशी ताकतों के हटने के साथ ही अफगानिस्तान पर नियंत्रण कर लिया था। अंसारी की मौत की पुष्टि तालिबान के प्रमुख प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने की है। अभी तक किसी भी समूह या व्यक्ति ने विस्फोट की जिम्मेदारी नहीं ली है।
बम धमाके में घायल हुए लोगों से हेरात के बड़े अस्पताल भर गए हैं। अस्पतालों में इलाज की समुचित व्यवस्था नहीं होने के चलते घायलों को परेशानी हो रही है। अफगानिस्तान के पत्रकार बिलाल सरवनी ने ट्विटर पर जानकारी दी है कि अस्पतालों में खून नहीं है, डॉक्टर भी बहुत कम संख्या में हैं। इसके चलते घायलों का सही इलाज नहीं हो पा रहा है।
गौरतलब है कि अफगानिस्तान में मस्जिदों पर आतंकी हमले की घटनाएं पिछले कुछ समय में बढ़ी हैं। 17 अगस्त को काबुल के अबू बक्र अल सादिक मस्जिद में बम धमाका हुआ था। इस आतंकी हमले में 50 लोग मारे गए थे। ब्लास्ट शाम को नमाज के दौरान हुआ था। मारे गए लोगों में एक प्रमुख धार्मिक विद्वान मौलवी अमीर मोहम्मद काबुली के साथ-साथ उत्तरी अफगानिस्तान के अन्य मौलबी भी शामिल थे।
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