सिद्धू की बहन सुमन तूर का बयान, कहा—भाई को बदनाम करना नहीं, बहन होने का हक चाहती हूं

चंडीगढ़ : पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू पर आरोप लगाने वाली की बहन सुमन तूर ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि वह बस इंसाफ चाहती हैं, अपने भाई को बदनाम करना नहीं। मीडिया में आने के सिवाय उसके पास चारा नहीं बचा था। इसलिए बोल दिया है। मैं तो बस भाई से बहन होने का हक चाहती हूं। सुमन तूर मोगा के मथुरादास सिविल अस्पताल में नर्स थीं। सुमन तूर की मां निर्मल शर्मा भी एक नर्स थीं। उनका तलाक हो गया था। सिद्धू के पिता सरदार भगवंत सिंह की पहली पत्नी की भी मृत्यु हो गई थी। तब निर्मल और भगवंत सिंह ने शादी कर ली। निर्मल की दो बेटियां थीं। सुमन उनमें से एक हैं। बातचीत में सुमन ने बताया कि सिद्धू हमारे बारे में बात करना नहीं चाहता। वह नहीं चाहता इस रिश्ते के बारे में किसी को पता चले। इसलिए सभी से छुपा कर रखता है। मैं चाहती हूं कि बस वह हमारा हक हमें दे दे। हमें उससे बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं है।

सवाल : आरोप ऐसे वक्त में क्यों लगाए जा रहे हैं, जब सिद्धू चुनाव लड़ने जा रहे हैं?
जवाब- वह चुनाव तो कई सालों से लड़ रहे हैं। तो इसका मतलब तो यह है कि हम बोल ही न। मुझे अपनी बात रखनी थी। मैं अपनी तकलीफ को दबा दबा कर थक चुकी थी। मुझे बोलना था। मुझे बाहर वालों को बताना था कि सिद्धू कैसा है? उसका व्यवहार परिवार के साथ कैसा है? इसलिए मैंने अपनी बात रखी। फिर भी मैं उन्हें बदनाम करना नहीं चाहती थी। मैं बस उसके बारे में हर किसी को अवगत कराना चाहती थी।

सवाल : ऐसे आरोप लग रहे कि आपको कोई लेकर आया, ताकि चुनाव में परिवार के विवाद का फायदा उठाया जा सके?
जवाब- कोई नहीं लेकर आया। क्या मुझे पंजाब का रास्ता नहीं पता। मीडिया में पहले बार आई। ऐसा भी नहीं है। कई बार कोशिश की। किसी ने सुना ही नहीं। सिद्धू मेरी बात को मीडिया में भी उठने नहीं देता था। इसलिए अब उन्होंने अपनी बात रखी है। क्योंकि चुनाव में उसकी बात को सुना जाएगा। इसलिए इस मौके को उन्होंने चुना है। मुझे नहीं पता कोई इसे सियासी मसला बना रहा है। यह तो परिवार का मामला है।

सवाल : आपके आरोपों से सिद्धू को सियासी नुकसान हुआ है, क्या इसका अफसोस है आपको?

जवाब- अफसोस तो सिद्धू को होना चाहिए, जिसने अपनी मां को घर से धक्के देकर निकाल दिया था। क्या उसे अफसोस है। हमारे साथ जो हुआ,इसका अंदाजा है किसी को। क्या आप महसूस कर सकते हैं कि हम कितने तकलीफ में रहे, जब हमारी माता रेलवे स्टेशन गुमनाम मौत मर गई। हम हर पल खून के आंसू रो रहे हैं। हमारा पैसा, हमारा घर सब सिद्धू ने हड़प लिया है। हमें घर से धक्के देकर बाहर निकाल दिया। हमें अपना बताने से इनकार कर रहा है।

सवाल : क्या आपको लगता है कि इस तरह से आरोप लगा कर आप अपना हक ले लेंगी?
जवाब- न मिले, कम से कम सिद्धू जो बाहर जो खुद के बारे में बताता है, उसकी जानकारी तो लोगों को मिलेगी। पता चलेगा कि वह हकीकत में हैं कैसा? वह झूठ बोलता है। मैं उसके बारे में हर किसी को बताना चाहती हूं। कम से कम मेरे अंदर जो तकलीफ है, उसे तो बाहर निकला सकू। इसलिए मैंने मीडिया में आकर अपनी बात रखी है। जहां तक बात हक की है, निश्चित ही यदि जनता का प्रेशर पड़ा, आप जैसे लोगों ने मेरी आवाज उठाई तो इंसाफ और हक भी मिल जाएगा।

सवाल : इन आरोपों से आपको फायदा क्या मिला?
जवाब- अभी तक सिद्धू सभी को यही बोल रहा था कि वह जब बहुत छोटा तो उसके माता-पिता अलग हो गए थे। मैंने उसके झूठ का पर्दाफाश कर दिया है। लोगों को पहली बार पता चला कि वह अपने परिवार के साथ किस तरह का व्यवहार करता है। वह इंसान कैसा है? क्या गलत इंसान के बारे में सभी को बताना गुनाह है। वह गलत है। जो अपने परिवार का नहीं हुआ वह राज्य और देश का क्या होगा। वह लोगों को झूठ बोलता है।

 

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