यूनिक समय, मथुरा। नई पीढ़ी सिंधी बोली भाषा का सम्मान करें, इसके लिए सिंधी पुस्तकें पढ़ें, सिंधी तीज त्यौहार मनाएं और सिंधी साहित्य और संस्कृति का न भूलें। ये बातें साहित्यिक अकादमी दिल्ली के सिंधी भाषा परामर्श मंडल के सदस्य एवं मध्यप्रदेश सरकार के जनसंपर्क विभाग के उपसंचालक अशोक मनवानी ने यहां बहादुर पुरा स्थित स्वामी लीलाशाह सिंधी धर्मशाला में सिंधीजनों से मुलाकात के दौरान व्यक्त की। उन्होंने सिंधीयत को कायम रखने की दिशा में महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की।
उन्होंने कहा कि हम सिंधी अपनी जन्मभूमि सिंध छोड़कर जरूर आए पर अब पूरा हिन्दुस्तान हमारा है। भारत के हर हिस्से में बसे सिंधीजन अपनी बोली-भाषा और संस्कृति को बनाए रखने में निरंतर जुटे हैं, क्योंकि यही सिंधीयत हमारी विरासत है, जो हमारी पहचान भी है, जिसे कायम रखना बेहद जरूरी है।
श्री मनवानी ने अपनी लिखी पुस्तकों का वितरण किया। उन्होंने सिंधी जागरूक मंच के संस्थापक किशोर इसरानी की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह सिंधी नॉलेज नामक सिंधी चैनल के माध्यम से सिंधीयत को बढ़ावा दे रहे हैं। इससे काफी युवा पीढ़ी लाभ ले रही है।
इस मौके पर सिंधी जनरल पंचायत के अध्यक्ष नारायण दास लखवानी, उपाध्यक्ष रामचंद्र खत्री, उपाध्यक्ष तुलसीदास गंगवानी, महामंत्री बसंतलाल मंगलानी, मंत्री गुरूमुखदास गंगवानी, झामनदास नाथानी, चंदनलाल आडवाणी, मीडिया प्रभारी किशोर इसरानी, सुंदरलाल खत्री, सुदामा खत्री, हरिश चावला, भगवान दास बेबू , जितेंद्र भाटिया, सुरेश मनसुखानी, मनोज खत्री, विष्णु हेमानी, युवा अध्यक्ष गिरधारी नाथानी, युवा उपाध्यक्ष मनोहर मंगलानी आदि ने साहित्यकार अशोक मनवानी का स्वागत किया।
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