पठानकोट की जिला अदालत में आज जम्मू-कश्मीर के बहुचर्चित कठुआ दुष्कर्म कांड में फैसला सुना दिया है। जज ने छह आरोपिताें को दोषी करार दिया है।
पठानकोट| जम्मू-कश्मीर के बहुचर्चित कठुआ दुष्कर्म और हत्याकांड मामले में सेशन कोर्ट फैसला सुना दिया है। छह आरोपितों को दोषी ठहराया है और एक आरोपित को बरी कर दिया है। कोर्ट ने फैसला पर बहस के बाद सुनाया। कोर्ट में जज डॉ. तेजविंदर सिंह सभी सात आरोपितों की मौजदूगी में फैसला सुनाया। इस फैसले पर पूरे देश की निगाहेँ लगी थी। अदालत सभी सात आरोपितों पर फैसला सुना दिया है। अदालत ने एक आरोपित विशाल जंगोत्रा को बरी कर दिया। छह आरोपित दीपक कुमार, प्रवेश कुमार, सुरेंद्र कुमार, आनंद दत्ता, तिलक राज तथा सांझी राम दोषी करार दिए गए हैं।
इन धाराओं के तहत आरोपितों को दोषी करार दिया गया
जज डॉ. तेजिंदर सिंह ने छह आरोपितों को विभिन्न धाराओं के तहत दोषी करार दिया है। अदाल ने सांझी राम, दीपक खजूरिया और प्रवेश को 376 डी और 302 के तहत दोषी पाया है। इसी तरह आनंद दत्ता, सुरेंद्र व तिलक राज को भादसं की धारा 201 के तहत दोषी करार दिया गया। मामले में अदालत ने विशाल जंगोत्रा को सभी आरोपों से बाइज्जत बरी किया है।
आज ही सुनाई जाएगी सजा, बहस के बाद दो बजे के बाद फैसला सुनाया जाएगा
सजा आज ही सुनाए जाने की संभावना है। सजा पर बहस थोड़ी देर में शुरू हाेगी। सजा का ऐलान दो बजे के बाद होने की सुभावना है। दूसरी ओर, दोषी करार दिए गए सांझी राम के वकील विक्रांत महाजन और एचएस पठानिया का कहना है कि सांझी राम को न्याय दिलाने और फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए हाईकोर्ट में अपील करेंगे।
दोषी सांझी राम के वकील बोले- फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देंगे
अभियोजन पक्ष के वकील मवीन फारूकी ने मीडिया से जानकारी साझा दी कि अदालत में फैसले पर सुनवाई के बाद इस दुष्कर्म व हत्या के मामले में छह आरोपितों को दोषी करार दिया है। एक आरोपित को बरी कर दिया गया है। अदालत सभी दोषियों को सजा आज ही सजा भी सुनाएगी। सजा पर बहस थोड़ी देर बाद शुरू होगी। जज और सभी आरोपित अभी कोर्ट में ही हैं।
कोर्ट में सभी आरोपित और भियोजन व बचाव पक्ष के वकील मौजूद, सजा पर बहस जारी
फैसले के दौरान सातों आरोपित, अभियोजन व बचाव पक्ष के वकील मौजूद रहे। मामला संवेदनशील होने पर कोर्ट परिसर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है। आरोपित आनंद दत्ता के ससुर ने कहा कि उनके दामाद को झूठा फंसाया गया है और आज उन्हें कोर्ट से न्याय मिलेगा। बचाव पक्ष के वकील अंकुर शर्मा ने कहा कि आरोपितों को कोर्ट से न्याय मिलेगा। कोर्ट परिसर मे संबंधित पक्षों को छोड़कर अन्य किसी को जाने कीअनुमति नहीं है।
कोर्ट परिसर के बाहर आरोपितों के परिजन भी मौजूद हैं। उनके चेहरे पर मायूसी साफ दिख रही है, लेकिन उनका कहना है कि हमें इंसाफ की आस है। सातों आरोपितों को वाहन से कोर्ट परिसर ले जाया गया।
कोर्ट परिसर और आसपास के क्षेत्र में कड़ी सुरक्षा है। सुरक्षा को लेकर पंजाब, जम्मू कश्मीर पुलिस, कमांडो, दंगा नियंत्रण वाहन, फायर ब्रिगेड तैनात हैं। किसी भी व्यक्ति को कोर्ट परिसर में बिना कड़ी जांच के लिए नहीं जाने दिया जा रहा है।
पठानकोट में सुनवाई शुरू होने के 380 दिन बाद आई फैसले की घड़ी
पठानकोट में मामले की सुनवाई शुरू होने के 380 दिन बाद फैसला आया है। अहम केस के फैसले को देखते हुए जिला पुलिस भी अदालत परिसर में अतिरिक्त जवान तैनात हैं। गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर के कठुआ की हीरानगर तहसील के एक गांव में 10 जनवरी 2018 को आठ साल की बच्ची पशु चराते वक्त गायब हो गई थी।
13 जनवरी 2018 को बच्ची का शव एक धार्मिक स्थल के पास मिला था। परिवार की शिकायत पर दीपक कुमार, प्रवेश कुमार, विशाल जंगोत्रा, एसपीओ सुरेंद्र कुमार, एसपीओ आनंद दत्ता, कांस्टेबल तिलक राज, सांझी राम व एक नाबालिग पर दुष्कर्म, हत्याकांड, षड्यंत्र रचने, सुबूत मिटाने मिटाने की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया था। मामले के सांप्रदायिक रंग लेने, माहौल बिगड़ने और सुरक्षा की दृष्टि से सुप्रीम कोर्ट ने केस को कठुआ से जिला एवं सत्र न्यायालय पठानकोट में शिफ्ट कर दिया था। जज डॉक्टर तेजविंदर सिंह ने इस केस की एक साल तक लगातार सुनवाई की है। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने 114, जबकि बचाव पक्ष ने मात्र 18 गवाह पेश किए।
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