मोदी ऐलान: अब सभी के लिए जरूरी होगा बिजली का स्मार्ट मीटर!

नई दिल्ली। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार अब देश में बिजली सुधारों को लेकर बड़े कदम उठाने जा रही है. सरकार बिजली सुधारों के दूसरे चरण पर तेजी से काम कर कर रही है. बिजली मंत्री आर के सिंह ने न्यूज एजेंसी के साथ खास बातचीत में बताया है कि ग्राहकों को 24 घंटे बिजली नहीं मिलती है या लोकल लेवल पर समस्याओं को निर्धारित समय पर दूर नहीं किया जाता है तो बिजली डिस्ट्रीब्यूशन करने वाली कंपनियों को ग्राहकों को जुर्माना देना होगा. उन्होंने कहा कि अगले 3 साल में सभी ग्राहकों को प्रीपेड/स्मार्ट मीटर लगाना अनिवार्य होगा.

अब देश में लगेंगे स्मार्ट मीटर-आर के सिंह का कहना है कि अगले 3 साल में सभी ग्राहकों को प्रीपेड/स्मार्ट मीटर लगवाना जरूरी होगा. इससे बिजली डिस्ट्रीब्यूशन करने वाली कंपनियों को लेकर होने वाली बिल की समस्याओं से समाधान मिलेगा. साथ ही, सही समय पर बिजली कंपनियों को पैसा मिलेगा.

 

ग्राहकों को होंगे ये फायदें-बिजली खपत में आत्मनियंत्रण होगा. बिजली बिल देने की चिंता नहीं रहेगी
मोबाइल की तरह ही मीटर रिचार्ज होगा. जरूरत के अनुसार मीटर ऑन-ऑफ कर सकेंगे.आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, हिमाचल, चंडीगढ़ी सहित अन्य कई राज्यों में स्मार्ट मीटर पर काम हो रहा है.

कंपनियां के लिए भी बिजली का बिल देने और वसूलने का झंझट खत्म हो जाएगा. माना जा रहा है इस कदम से कंपनियों के नुकसान कम होंगे और आमदनी बढ़ेगी. साथ ही, बिजली चोरों पर आसानी से अंकुश लगेगा.

स्मार्ट मीटर लगाने का जिम्मा केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के अधीन काम करने वाली एजेंसी एनर्जी इफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (EESL ) को दिया गया है. बिजली कंपनी और EESL के बीच इस बाबत पिछले महीने ही करार हुआ है.

करार के बाद उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट मीटर लगाने से पहले उसका ट्रायल करने का निर्णय लिया गया. नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के अधीन मुजफ्फरपुर के कांटी और साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के अधीन अरवल में एक महीना पहले ही छह दर्जन उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगाए गए.

बिजली की दरें- बिजली दरों से जुड़े एक सवाल पर बिजली मंत्री ने कहा कि हमने शुल्क को युक्तिसंगत बनाने के लिये कदम उठाया है.इसके तहत यह व्यवस्था की गयी है कि जो सबसे कुशल बिजलीघर हैं और जहां अपेक्षाकृत बिजली की उत्पादन लागत कम है और जहां अतिरिक्त बिजली उपलब्ध है, कंपनियां वहां से पहले बिजली की आपूर्ति करेंगी.इसे बिजली खरीद समझौते (पीपीए) में शामिल किया गया है. मंत्री ने कहा कि यह व्यवस्था फिलहाल सरकारी बिजलीघरों के लिये लागू की गई है लेकिन हम जल्दी ही सभी बिजलीघरों के लिये इसे लागू करने जा रहे हैं.

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