महाराष्ट्र में चुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। दूसरे नंबर पर शिवसेना थी। हालांकि दोनों दलों के बीच सीएम पद को लेकर तालमेल नहीं हो सका और दोनों की राहें अलग हो गईं। इसके बाद शिवसेना ने तीसरे नंबर की एनसीपी और चौथे नंबर पर आई कांग्रेस के साथ नजदीकियां बढ़ा लीं। हालांकि कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी को शिवसेना से नजदीकियां भारी पड़ गईं। शुक्रवार को मुसलमान मतदाता कांग्रेस ऑफिस ही पहुंच गए और उन्होंने बड़ा बयान दे दिया।
बढ़ रही है शिवसेना और कांग्रेस की नजदीकी
महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू हो चुका है लेकिन शिवसेना ने सरकार बनाने के प्रयास तेज कर दिए हैं। शिवसेना की कांग्रेस और एनसीपी से नजदीकी बढ़ गई है। तीनों दलों के नेताओं की बात भी हो गई है और साझा न्यूनतम कार्यक्रम भी बन गया है। अब तीनों ही दल मिलकर सरकार बना सकते हैं। सोनिया गांधी ने भी शिवसेना से नजदीकी को मौन सहमति दे दी है।
जानें कांग्रेस दफ्तर में क्या बोले मुस्लिम वोटर
सोनिया गांधी को शिवसेना से नजदीकी भारी पड़ गई है। शिवसेना और कांग्रेस गठबंधन के खिलाफ खुलकर मुसलमान सामने आ गए। शुक्रवार को मुंबई में महाराष्ट्र कांग्रेस के तिलक भवन दफ्तर में मुस्लिम मतदाता पहुंचे और बोले कि उन्होंने कांग्रेस को धर्मनिरपेक्षता के नाम पर वोट दिया था। लेकिन अब कांग्रेस कट्टरवादी सोच के साथ हाथ मिला रही है। कांग्रेस दफ्तर पहुंचे माहिम दरगाह के मुफ्ती मंजूर झियाई ने शिवसेना के साथ गठबंधन को लेकर सवाल उठाना शुरू कर दिया। मौके पर मौजूद कांग्रेस नेता भी इस बात का कोई उत्तर नहीं दे सके।
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