BJP नेता को टिकट न मिलने पर छलका दर्द, भरी सभा में फूट-फूटकर रो पड़े

BJP ने प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्‍य रणधीर गोलन को को विधानसभा चुनाव में न उतारने का फैसला किया है. इसके बाद उन्‍होंने बगावत कर दी है.

कैथल. ‘मेरी तीस वर्ष की तपस्या का फल भाजपा ने धोखा देकर दिया, षडयंंत्र के तहत मुख्यमंत्री  ने मेरा टिकट कटवाया. मेरे दोनों बच्चे भी भाजपा में पैदा हुए और आज खुद बच्‍चे वाले हो चुके हैं.’ ये शब्द भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य रणधीर गोलन ने पूंडरी जश्र पैलेस में आयोजित हलका कार्यकर्ताओं की बैठक में पार्टी टिकट कटने के बाद भावुक होते हुए कहे. इसके साथ ही उन्होंने कार्यकर्ताओं की सहमति से भाजपा से बगावत करते हुए निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने का भी ऐलान किया.

हजारों कार्यकर्ताओं ने भाजपा में बाहरी प्रत्याशी का विरोध करते हुए गोलन को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया. गोलन ने रोते हुए कार्यकर्ताओं के बीच में अपना दर्द प्रकट किया. उन्‍होंने कहा कि वह 30 वर्षों से बगैर कोई परवाह किए दिन-रात पार्टी के विकास के लिए अपना खून-पसीना बहाया और पार्टी को सींचा. अब जब मौका आया तो पार्टी ने पीठ में छूरा घोंपने का काम किया. उनका मात्र इतना कसूर था कि उन्होंने कार्यकारिणी की बैठक में बिजली निगम द्वारा आए दिन डाले जाने वाले बिजली चोरी के छापों को बंद करने के लिए आवाज उठाई थी, जिसकी मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गांठ बांध ली. रणधीर गोलन ने कहा कि उनके इस बयान को सरकार के खिलाफ बोलने जैसे आरोप लगा दिए.

जनता के हित में बात उठाने की कही बात

बीजेपी के बगावती नेता रणधीर गोलन ने कहा कि वह जनता के हितों के लिए हमेशा आवाज उठाते रहेंगे. पार्टी ने बाहरी उम्मीदवार देकर उनका ही नहीं, बल्कि हलके के पौने दो लाख वोटरों का अपमान किया है. उन्हें टिकट नहीं देनी थी तो न देते, हलके के ही किसी कार्यकर्ता को टिकट दे देते.

सभा में मौजूद कार्यकर्ताओं ने गोलन को हर संभव मदद देने का आश्वासन देते हुए भाजपा प्रत्याशी को गांव में न घुसने देने तक की बात कही. मौके पर मौजूद गोलन की पत्नि ने भी रोते हुए कहा कि पार्टी को मजबूत बनाने में उन्होंने अपना घर बर्बाद कर लिया. इसके बाद गोलन कार्यकर्ताओं के काफिले के साथ कैथल नॉमिनेशन करने के लिए गए.

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*