देश में आज भी ऐसी कई जगह हैं जहां महिलाएं पुरुषों के सामने लंबा घूंघट डालती हैं। लेकिन मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले से एक महिला ने घूंघट की आड़ में ऐसा कारनामा कर दिया जिसे देखकर कलेक्टर क्या हाईकोर्ट भी हैरान है। प्रदेश में बीते महीने में पंचायत के चुनाव संपन्न हुए हैं। जहां इस महिला ने जालसाजी करके दूसरे महिला के नाम पर पर न केवल सरपंच पद का चुनाव जीता बल्कि उसने कई अफसरों के सामने घूंघट डालकर शपथ भी ली। इतना ही नहीं जिले के अधिकारियों से प्रमाण पत्र भी ले लिया।
दरअसल, यह अजब-गजब मामला राजगढ़ जिले की भीलखेड़ा पंचायत का है। जहां विनीता नाम की महिला ने जालसाजी करके अनीता बनकर सरपंच का चुनाव लड़ा और जीत भी गईं। लेकिन हद तो जब हो गई तब इस फर्जी महिला को जिला निर्वाचन अधिकारी ने प्रमाण-पत्र भी दे दिया और उसने घूंघट की आड़ में शपथ भी ले ली। लेकिन मामला तब उजागर हुआ, जब पंचायत में सरपंच पद का चुनाव हारने वाले प्रत्याशी ने इस कांड का खुलासा करते हुए हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में याचिका दायर की।
बता दें कि हाल ही में इस जालसाजी केस पर युवक द्वारा लगाई याचिक पर इंदौर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। जहां कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग और कलेक्टर को नोटिस जारी कर इस संबंध में जवाब मांगा है। इंदौर पीठ के न्यायमूर्ति सुबोध अभ्यंकर ने इस पर एक्शन लेने का आदेश जारी करते हुए कलेक्टर से पूछा है कि आखिर इतनी बड़ी गड़बड़ी कैसे हो गई। इसका जवाब दीजिए। साथ ही 13 सिंतबर पर इस पर द्वारा सुनवाई करने को कहा गया है।
दूसरे के नाम पर सरपंच का चुनाव जीतने वाली इस महिला ने 15 साल से पहले अपने पति सत्यनारायण से तलाक ले चुकी है। अनीत ने तलाक के बाद दूसरी शादी कर ली और वह सालों से अपनी ससुराल राजस्थान में रह रही है। वहीं सतनारायण ने विनीता से दूसरी शादी की है। अनीता ने इसी विनिता यानि अपने पहले पति की दूसरी पत्नी विनीता के नाम पर सरपंच का चुनाव लड़ा है। महिला के साथ ही चुनाव आयोग पर भी सवाल खड़े हो रहें हैं कि अनीता की पंचायत की वोटर आईडी काफी पुरानी है और चुनाव लड़ने वाली विनीता की शादी को 10 साल के लगभग हुए हैं। इस तरह पंचायत की मतदाता सूची में 20 साल पहले विनीता का नाम कैसे आ सकता है?, जिसे लेकर कोर्ट ने भी जवाब मांगा है।
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