मेवात के ठगों की कहानी: क्राइम करने के लिए आजमा रहे ऐसी ट्रिक कि राजस्थान पुलिस भी सोच में पड़ी

भरतपुर । राजस्थान के जामताड़ा के रूप में कुख्यात भरतपुर का मेवात क्षेत्र एक बार फिर से चर्चा में है। यहां के ठगों ने देशभर में ठगी की वारदातों को अंजाम देने के बाद भी खुद को सुरक्षित बचाने के लिए एक नया पैंतरा इजाद किया है। ये ठग देश के असम, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल प्रदेशों के पते पर सिम एक्टिवेट कराते हैं और उनसे ठगी की वारदातों को अंजाम देते हैं। हाल ही में पुलिस ने जिले के आठ थाना क्षेत्रों के 130 गांव के कॉल रिकॉर्ड्स पर नजर डाली तो यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ। पुलिस के डेटा के मुताबिक मेवात में अन्य राज्यों के पते पर जारी हुई 21 हजार फर्जी सिम एक्टिवेट हैं।

पुलिस अधीक्षक श्याम सिंह ने बताया कि मेवात क्षेत्र के 130 गांवों के लोगों की 5 दिन की करीब एक करोड़ से अधिक कॉल डिटेल को खंगाला गया है। इस पड़ताल में सामने आया है कि मेवात क्षेत्र में असम, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल के एड्रेस पर जारी हुई सिमों का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। एसपी श्याम सिंह ने बताया कि अभी तक पुलिस प्रशासन अन्य राज्यों की ऐसी करीब 21 हजार से अधिक सिमों को चिन्हित कर चुका है, जो कि मेवात क्षेत्र में एक्टिवेट हैं। ये सिम किसी अन्य के नाम पर जारी हुई हैं और इनका इस्तेमाल कोई और कर रहा है। संबंधित सिम कंपनियों की इस संबंध में लिखा जाएगा और इन फर्जी सिमों का री-वेरिफिकेशन करा के बंद कराने का प्रयास किया जाएगा।

असल में मेवात के ठग अन्य राज्यों के एड्रेस पर उसी राज्य में सिम खरीदते हैं और उन सिमों को वहीं पर एक्टिवेट कराते है। बाद में उन्हें मेवात लाकर ऑनलाइन ठगी में इस्तेमाल किया जाता है। जब कोई ठगी की वारदात होती है तो सिम राजस्थान के बजाय अन्य राज्य के नाम और पते पर जारी होने की सूचना मिलती है और असली ठग पुलिस पकड़ से बचा रहता है।

जानकारी के अनुसार जिले के मेवात क्षेत्र के कामां, पहाड़ी, जुरहरा, कैथवाड़ा, खोह, गोपालगढ़, सीकरी, नगर थाना क्षेत्र के 130 गांवों पर पुलिस की नजर है। मेवात के इन्हीं गांवों से देशभर के अलग अलग राज्य और शहर के लोगों को ऑनलाइन ठगी का शिकार बनाया जाता है।

 

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