ज्योतिष: कार्तिक पूर्णिमा और चंद्रग्रहण एक साथ, बन रहा शुभ योग

नई दिल्ली। कार्तिक मास की अमावस्या का जितना महत्व माना गया है उतना ही महत्व कार्तिक मास की पूर्णिमा का माना जाता है। इस बार कार्तिक मास की पूर्णिमा 30 नवंबर 2020 को पड़ रही है। इस दिन दान और गंगा स्नान करने का विशेष महत्व माना गया है। प्रत्येक वर्ष में 12 पूर्णिमा आती हैं लेकिन जब अधिक मास या मलमास आता है तो इनकी संख्या 13 हो जाती है। कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहा जाता है। पं. अजय कुमार तैलंग के अनुसार इस दिन जब चंद्रमा आकाश में उदित होता है उस समय चंद्रमा की 6 कृतिकाओं का पूजन करने से शिवजी की प्रसन्नता प्राप्त होती है। इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से पूरे वर्ष का स्नान करने का फल मिलता है।

आगामी 30 नवंबर को रोहिणी नक्षत्र के साथ सर्वसिद्धि योग और वर्धमान योग का संयोग होने से इस कार्तिक पूर्णिमा पर शुभ योग बन रहा है। इसी दिन सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक जी का 551वां जन्मदिन भी मनाया जाएगा। पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 29 नवंबर को दोपहर 12:47 से प्रारंभ होकर 30 नवंबर को दोपहर 2:59 तक रहेगी। इसी दिन कार्तिक स्नान का समापन भी होगा। कार्तिक पूर्णिमा पर इस साल का चौथा और आखिरी उप छाया चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है।

वहीं 14 दिसंबर को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगेगा यह चंद्र ग्रहण अमेरिका ऑस्ट्रेलिया और प्रशांत महासागर क्षेत्र में दिखाई देगा, इस चंद्र ग्रहण का असर भारत में नहीं पड़ेगा, इसलिए भारत में इस ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा. वैसे भी यह उप छाया चंद्र ग्रहण है। इसलिए इसका किसी भी राशि पर कोई अशुभ प्रभाव नहीं पड़ेगा।

कार्तिक पूर्णिमा क्यों है खास
कार्तिक पूर्णिमा पर भगवान विष्णु चतुर्मास के बाद जागृत अवस्था में होते हैं। भगवान विष्णु ने इसी तिथि को मत्स्य अवतार लिया था और मत्स्य अवतार लेकर सृष्टि की फिर से रचना की थी। उन्होंने राक्षस त्रिपुरासुर का संघार किया था। त्रिपुरासुर वध को लेकर देवताओं ने इस दिन देव दीपावली मनाई थी। सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक जी के जन्मदिन के साथ ही तुलसी का अवतरण भी कार्तिक पूर्णिमा को हुआ था।

कार्तिक पूर्णिमा दीप दान करने से होंगी मां लक्ष्मी खुश
कार्तिक पूर्णिमा के दिन तुलसी के समीप और तालाब, सरोवर या गंगा तट पर दीप जलाने से या दीप दान करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर सुख समृद्धि का वरदान देती हैं। वहीं विष्णु जी को तुलसी पत्र की माला और गुलाब का फूल चढ़ाने से हर मनोकामना पूरी होती हैं।

कार्तिक पूर्णिमा पर तिल स्नान से मिलेगी शनि दोषों से राहत
कार्तिक पूर्णिमा पर तिल जल में डालकर स्नान करने से शनि दोष समाप्त होंगे, खासकर शनि की साढ़ेसाती. वही कुंडली में पितृ दोष, चांडाल दोष, नदी दोष की स्थिति यदि है तो उसमें भी शीघ्र लाभ होगा।

कार्तिक पूर्णिमा पर क्या करें दान
अक्षत यानि चावल, जौ, काला तिल, मौसमी फल, लौकी, सिक्का।

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