काबुल। अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी के बाद सबकुछ बदल गया है। तालिबान ने भले ही आम माफी का ऐलान किया है। भले ही उसने दावा किया है कि वह किसी से बदला नहीं लेगा, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। तालिबानी लड़ाके उन लोगों की तलाश कर रहे हैं, जिन्होंने अमेरिकी और नाटो सैनिकों की मदद की थी। तालिबान ने ऐसी एक हिट लिस्ट बनाई है। अमेरिका के मददगारों के सामने नहीं आने पर तालिबान ने उनके परिवार को जान से मारने की धमकी भी दी है।
संयुक्त राष्ट्र (UN) की एक रिपोर्ट में ये बात कही गई है। इस रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि अमेरिका या उसकी अगुवाई वाली NATO सेना का साथ देने वाले अफगानियों की खोज में तालिबान घर-घर जाकर तलाशी ले रहा है। ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की रिपोर्ट के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि तालिबान ने उन लोगों की लिस्ट तैयार की, जिन्हें वह गिरफ्तार कर मारना चाहता है। साथ ही इन लोगों को धमकी दे रहा है कि वे सामने नहीं आए तो उनके परिवार के लोगों को मार दिया जाएगा या गिरफ्तार कर लिया जाएगा। ऐसे लोगों की काबुल एयरपोर्ट की भीड़ में भी तलाश की जा रही है।
बता दें कि 9/11 हमले (9/11 Attack) के बाद अमेरिका के नेतृत्व में विदेशी बलों ने अफगानिस्तान में एंट्री मारी और तालिबान को सत्ता से बेदखल कर दिया। इस दौरान तालिबानी लड़ाकों के खिलाफ कार्रवाई में मदद के लिए स्थानीय लोगों की मदद ली गई। इसमें ट्रांसलेटर और खुफिया सूचना देने वाले शामिल रहे हैं।
तालिबान ने किया था आम माफी का ऐलान
तालिबान के संस्कृति आयुक्त के सदस्य ईनामुल्लाह समनगनी ने मंगलवार को सरकारी टीवी पर सभी के लिए ‘आम माफी’ का ऐलान किया था। उसने महिलाओं से सरकार में शामिल होने की गुजारिश की। उन्होंने कहा, इस्लामी अमीरात नहीं चाहता है कि महिलाएं पीड़ित हों। साथ ही उन्होंने लोगों से काम पर लौटने का आग्रह किया। तालिबान अफगानिस्तान के लिए इस्लामी अमीरात का इस्तेमाल करता है।
जर्मन पत्रकार के परिवार की हत्या
तालिबान मीडियावालों को भी निशाना बना रहा है। काबुल में तालिबान के लड़ाकों ने जर्मन न्यूज चैनल DW से जुड़े एक अफगानी पत्रकार के परिवार के सदस्य की हत्या कर दी है। दूसरे को गंभीर रूप से जख्मी कर दिया है। पत्रकार के परिवार के बाकी लोग पिछले महीने किसी तरह बच निकले थे।
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