काम की बातः आपके मोबाइल में कैसे आएगा वोटर कार्ड, चुनाव आयोग क्या है प्लान!

नई दिल्ली। इसे आप कोविड-19 की वजह से आने वाला बदलाव भी मान सकते हैं या फिर डिजिटलीकरण की दिशा में एक और कदम कि अब चुनाव आयोग आपके मोबाइल फोन पर आपका वोटर कार्ड पहुंचाने की तैयारी में है. जी हां, वोटर के फोटो आईडी कार्ड को Epic नाम दिया गया है. सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही यह इलेक्ट्राॅनिक रूप में आपके पास होगा. जिस तरह आप अभी हवाई यात्रा या ट्रेन का टिकट मोबाइल फोन में कैरी कर पाते हैं, उसकी तरह अब वोटर कार्ड भी रख सकेंगे।

अभी स्थिति यह है कि सिर्फ हार्ड काॅपी में ही उपलब्ध है, जिसे चुनाव के दिन चुनाव अधिकारियों के सामने दिखाना होता है, तभी आप वोट डाल पाते हैं। इस वोटर कार्ड के विकल्प के तौर पर चुनाव आयोग ने कुछ और भी आईडी प्रूफ या दस्तावेज मान्य किए हैं. बहरहाल, आपको बताते हैं कि इस ई-वोटर कार्ड को लेकर किस तरह कवायद चल रही है।

आपको मोबाइल पर Epic के लिए क्या करना होगा?
सबसे पहले तो आपको वोट देने लायक यानी वयस्क होना होगा. इसके बाद चुनाव आयोग में जब आप वोटर लिस्ट में अपना नाम जुड़वाने की कवायद करेंगे तब आपको अपना मोबाइल नंबर भी रजिस्टर करवाना होगा. चुनावी रोल में आपका नाम आने के बाद आपको मैसेज या ईमेल भेजा जाएगा।

खबरों की मानें तो इस मैसेज के बाद आप एक ओटीपी यानी वन टाइम पासवर्ड की मदद से अपना ई वोटर कार्ड अपने मोबाइल फोन पर डाउनलोड कर कसेंगे. वहीं, जिन लोगों के पास पहले से वोटर कार्ड है, उन्हें चुनाव आयोग के सामने अपने दस्तावेज़ पेश करते हुए अपना मोबाइल नंबर रजिस्टर करवाना होगा. यह प्रक्रिया तकरीबन वैसी ही होगी जैसे बैंक में केवायसी के लिए होती है।

कैसा होगा डिजिटल वोटर कार्ड?
जैसा हार्ड काॅपी में दिखता है, साॅफ्ट काॅपी में भी वोटर कार्ड तकरीबन वैसा ही दिखेगा. बस यह पीडीएफ फाइल के तौर पर होगा, जिस आप अपने मोबाइल फोन में डाउनलोड करके रख सकेंगे. अभी यह निश्चित नहीं है लेकिन संभव है कि इस डिजिटल काॅपी में एक क्यूआर कोड भी हो, जिसमें आपके नाम और जन्मतिथि जैसे डिटेल्स दर्ज हों।

इसकी ज़रूरत आखिर क्या है?
सबसे पहले तो डिजिटल कार्ड वोटरों तक पहुंचाने से चुनाव आयोग का प्रिंटिंग का खर्च बचेगा. दूसरी तरफ, वोटरों को भी वोटर कार्ड कैरी करने में सुविधा होगी. तीसरे कोरोना के संक्रमण के दौर में यह एक सुरक्षित कदम होगा और यह भी कि इस कदम से चुनाव आयोग के पास आपके फोन नंबर का डेटा भी पहुंचेगा।

तो कब तक मिल सकता है डिजिटल वोटर कार्ड?
अभी यह कवायद सिर्फ प्रस्ताव के स्तर पर है, जिसे एक आयोग की मंज़ूरी की दरकार है. संभव है कि मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा और चुनाव आयुक्तों का आयोग इस प्रस्ताव को मंज़ूर करे. फिलहाल सूत्रों के हवाले से इंडियन एक्सप्रेस ने बताया है कि 2021 में पश्चिम बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग इस बारे में कोई फैसला कर सकता है।

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