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महेश वार्ष्णेय
वृंदावन। शरद पूर्णिमा पर ठाकुर श्रीबांके बिहारी महाराज बांसुरी मोर मुकुट, कट काछनी पोशाक हार तथा लकुटी आधी धारण कर श्रद्धालुओं को दर्शन देंगे। सेवा अधिकारी बिट्टू गोस्वामी ने बताया कि 20 अक्टूबर को ठाकुर जी का विशेष श्रृंगार होगा। सोने चांदी का सिंगार जयपुर में कारीगरों ने तैयार किया है।
ठाकुर जी की सफेद पोशाक दिल्ली के चांदनी चौक में विशेष कारीगरों द्वारा तैयार की गई है। ठाकुर श्री राधा सनेह बिहारी महाराज एवं ठाकुर श्री बांके बिहारी महाराज के सेवा अधिकारी करन कृष्ण गोस्वामी ने बताया की श्रीमद् भागवत में वर्णन के अनुसार शरद पूर्णिमा वाले दिन ही भगवान श्री कृष्ण ने यमुना किनारे गोपियों के साथ रात्रि बंसीवट पर महारास किया था। इसलिए शरद पूर्णिमा वाले दिन ठाकुर श्री बांके बिहारी महाराज को श्रृंगार मोर मुकुट कट काछनी बंसी धारण कराई जाती है। इस दिन ठाकुर जी को विशेष रूप से खीर एवं चंद्रकला का भोग चंद्रमा के दर्शन करने के पश्चात लगाया जाता है। इस दिन के बाद से ठाकुर जी की शीतकालीन भोगराग की सेवाएं प्रारंभ हो जाएंगी। शरद पूर्णिमा के दिन ठाकुर जी को बंसी चढ़ाने का बहुत विशेष महत्व है
इस अवसर पर प्रदीप गोस्वामी, अरविंद गोस्वामी, अनुभव गोस्वामी, यशू गोस्वामी, रघु गोस्वामी, कृष्णा गोस्वामी, कृष्ण कांत शर्मा, लगन भारद्वाज एवं कृष्ण मुरारी शर्मा आदि उपस्थित थे।
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