नई दिल्ली| अगर आप आयकर में छूट के साथ-साथ एक बेहतर निवेश की जगह खोज रहे हैं तो स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की लोक भविष्य निधि योजना (PPF) आपके लिए ही बनी है। यह योजना राष्ट्रीय बचत संगठन द्वारा साल 1968 में आरंभ की गई थी। यह योजना रिटायरमेंट प्लानिंग को केंद्र में रखकर बनाई गई है। PPF में सालाना 1.5 लाख रुपये तक का निवेश कर आप आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत कटौती का लाभ पा सकते हैं। एसबीआई की वेबसाइट के अनुसार इस योजना की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं।
कौन खुलवा सकता है अकाउंट
इस योजना के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति अपने नाम पर या नाबालिग की ओर से बैंक की किसी भी साखा में जाकर अकाउंट खुलवा सकता है। मौजूदा नियमों के अनुसार, हिंदू अविभाजित परिवार के नाम पर इस योजना में अकाउंट नहीं खोला जा सकता।
निवेश सीमा
इस योजना में साल 2014 में हुए संसोधन के बाद न्यूनतम 500 रुपये और अधिकतम 1.50 लाख रुपये सालाना जमा किये जा सकते हैं। अगर आप 1.50 लाख रुपये सालाना से अधिक राशि जमा करते हैं तो अतिरिक्त राशि पर न तो आपको कोई ब्याज प्राप्त होगा और न ही उस राशि पर आयकर अधिनियम के तहट टैक्स में छूट मिलेगी। योजना के तहत आप राशि को एकमुश्त या साल में 12 किश्तों में जमा करा सकते हैं। अगर किसी साल आप अंशदान की राशि जमा नहीं करा पाए तो उस मामले में हर साल 50 रुपये की दर से दंड लगेगा और इस दंड की राशि का भुगतान होने पर अकाउंट फिर से एक्टिव हो जाएगा।
योजना की अवधि
इस योजना में पीपीएफ अकाउंट की अवधि मुख्य रूप से 15 साल की है। इसके बाद अगर आप अवधि बढ़वाना चाहते हैं, तो आवेदन करके 5 साल के एक या अधिक ब्लॉक्स के लिए योजना की अवधि बढ़ाई जा सकती है।
ब्याज दर
योजना में ब्याज की दर त्रैमासिक आधार पर केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित की जाती है। वर्तमान में यह 8.0 फीसदी सालाना है। ब्याज राशि की गणना महीने के पांचवें और अंतिम दिन के बीच की अवधि के दौरान अकाउंट की न्यूनतम शेष राशि के आधार पर की जाती है। वहीं ब्याज राशि का भुगतान हर साल 31 मार्च को किया जाता है।
कर लाभ
आयकर अधिनियम की धारा 80सी के अंतर्गत इस योजना में आयकर लाभ मिलता है। पीपीएफ अकाउंट में ब्याज से अर्जित पूरी आय टैक्स फ्री होती है। साथ ही अकाउंट में जमा राशि को संपत्ति कर से भी छुट प्राप्त है।
नॉमिनी
पीपीएफ अकाउंट में नॉमिनी की सुविधा उपलब्ध है। इसमें एक या अधिक व्यक्तियों को नॉमिनी बनाया जा सकता है। साथ ही नामित व्यक्ति के हिस्से को भी ग्राहक द्वारा निर्धारित किया जा सकता है।
समय से पहले निकासी
इस योजना में कुछ शर्तों के साथ पांच साल की अवधि पूरा होने के बाद निकासी की अनुमति दी जाती है। यह सुविधा नाबालिगों के अकाउंट पर भी लागू है।
खाते का ट्रांसफर
इस योजना में ग्राहक के चाहने पर एसबीआई की अन्य शाखाओं या अन्य बैंकों अथवा डाकघरों में खाते को ट्रांसफर किया जा सकता है।
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