कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। बता दें कि एक दरोगा की भतीजी रितिका ने श्रीनगर स्थित गुरुद्वारे के कमरे में फांसी के फंदे से लटककर अपनी जान दे दी थी। मृतका के पास से एक सुसाइ़ड नोट भी बरामद हुआ है। जिसमें लिखा है कि अब जिंदगी से मन ऊब गया, मैं पढ़-लिखकर कुछ बन नहीं पाउंगी, मैं पहाड़ों में घूमना चाहती हूं, लेकिन शादी के बाद मैं घूम भी नहीं पाऊंगी। यह लिख रितिका ने फांसी लगा ली। वहीं श्रीनगर पुलिस ने पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव को परिजनों के हवाले कर दिया है। जिसके बाद मृतका के घरवाले शव को लेकर अपने गृह जनपद ग्रेटर नोएडा रवाना हो गए। नवाबगंज थाने में तैनात दरोगा प्रमोद बैसला की भतीजी रितिका का शव श्रीनगर के एक गुरुद्वारे में फंदे से लटकता मिला था।
बताया जा रहा है कि मृतक रितिका अपने चाचा के पास रहती थी। सुसाइड की जानकारी मिलने के बाद पनकी पुलिस की एक टीम रितिका के घरवालों के साथ श्रीनगर पहुंची। वहीं पनकी एसीपी निशंक शर्मा ने बताया कि छात्रा प्रतियोगी परीक्षाओं को लेकर तनाव में थी। बता दें कि तीन दिन से लापता रितिका कोचिंग के लिए निकली थी। जिसके बाद वह घर नहीं लौटी तो उसी रात पनकी थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। वहीं श्रीनगर पुलिस ने अपने स्तर पर मामले की जांच की है। शनिवार शाम रितिका रैनवारी इलाके में स्थित गुरुद्वारे पहुंची थी। रितिका ने गुरुद्वारे में ही खाना खाया और फिर इसके बाद जिस कमरे में वह रुकी थी। उसी में फांसी लगाकर अपनी जान दे दी।
गुरुद्वारे में सेवादार ने रितिका के शव को सुबह फंदे से लटकता देखा तो उसने पुलिस को मामले की जानकारी दी। एसीपी ने बताया कि पुलिस टीम के वहां पहुंचने के बाद सारी स्थिति सामने आएंगी। वहीं इस घटना से मृतका के परिजन स्तब्ध हैं। परिजनों को समझ नहीं आ रहा कि रितिका पहले अचानक से कैसे लापता हो गई। इसके बाद खुदखुशी कर उसने अपनी जान दे दी। परिजनों का कहना है कि रितिका पढ़ाई को लेकर दबाव में थी। मृतका के घरवालों ने बताया कि रितिका रोजाना पौने दो बजे घर से निकलती थी। वहीं कोचिंग के बाद शाम को वह पांच से छह बजे के बीच घर वापस आ जाती थी। वहीं लापता होने के बाद से उसका फोन भी लगातार बंद आ रहा था। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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