भागवत सभी ग्रंथों का सार:रंजन दास शास्त्री

भागवत सभी ग्रंथों का सार:रंजन दास शास्त्री
गुरु पूर्णिमा के उपलक्ष्य में बालाजी मंदिर पर भागवत शुरू

चौमुंहा(मथुरा)। गुरु पूर्णिमा के उपलक्ष्य में कस्बे में स्थित बालाजी आश्रम पर श्रीमद भागवत ज्ञान यज्ञ समारोह कलश शोभायात्रा के साथ शुरू हो गया। कस्बे की प्रमुख गलियों से गुजरी शोभयात्रा का जगह-जगह स्वागत किया गया। शोभायात्रा मंदिर पर संपन्न हुई।
कथा स्थल पर व्यासपीठ से रंजनदास शास्त्री ने कहा कि भागवत में सब ग्रंथों का सार है। इसके श्रवण करने से मानव के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि भागवत कलियुग मेें कल्पवृक्ष के समान है। इसमें भगवान श्रीकृष्ण का साक्षात दर्शन होता है। उन्होंने कई लीलाओं का वर्णन किया। उन्होंने धनुष यज्ञ लीला का बड़ा ही मनोहारी वर्णन किया। उन्होंने कहा कि जिस समय राम व लक्ष्मण वाटिका से फूल तोड़ने गए तो वहां सीताजी भी पूजा करने पहुंची और उन्होंने राम को मन ही मन अपना वर चुन लिया। गौरी पूजन के दौरान मां गौरी ने उन्हें आशीर्वाद दिया कि उनके मन में जो वर बसा है, वहीं वह उन्हें मिलेगा। नारद का वचन सच्चा रहेगा। इस अवसर पर कालिदास, धर्मो सिंह, शिवचरन, रमेश चंद शर्मा, खमान सिंह, कर्णपाल सिंह, गंगा सिंह आदि उपस्थित थे।
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