उत्तर प्रदेश की विश्वनाथ नगरी काशी में बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी एक बार फिर चर्चा का विषय बनी हुई है, लेकिन इस बार की वजह फजीहत कराने वाली है। दरअसल बीएचयू के हिंदी विभाग द्वारा जारी एक सूचना पत्र सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है, जिसे देखने के बाद किसी को यकीन नहीं हो रहा। बीएचयू के हिंदी विभाग की ऐसी हिंदी देख हर कोई दंग रह गया। यूनिवर्सिटी के हिंदी विभाग द्वारा जारी सूचना पत्र में मात्राओं की इतनी गलतियां है, जिसे देखकर सामान्य हिंदी जानने वाला भी माथा पीट लेगा। इतना ही नहीं आठ लाइन के सूचना पत्र में अंग्रेजी शब्दों का भी खूब प्रयोग किया गया है।
बीएचयू के हिंदी विभाग की हिंदी कितनी कमजोर है, इसका अंदाजा इस पत्र से ही लगाया जा सकता है। विभाग के द्वारा सूचना पत्र में हिंदी तक को भी सही से नहीं लिखा गया है। मात्राओं की गलतियों की शुरुआत पत्र के हेड यानी हेडलाइन से ही शुरू होती है, जहां हिंदी विभाग के लेटर हेड पर लिखा है- ‘बाबु श्याम सुंदर दास पुस्तकालय’, जबकि होना चाहिए बाबू श्याम सुंदर दास पुस्तकालय। हिंदी विभाग के सूचना पत्र में बाबू की जगह बाबु लिखा हुआ है।
इतना ही नहीं पत्र में और भी कई गलतियां है। लेटर में जहां हिंदी विभाग लिखा है, वहां भी गलती है। हिंदी को ‘हिंदि’ लिखा हुआ है। इस सूचना पत्र में गलतियों का अंबार लगा हुआ है. इसमें सूचित को ‘सुचित’, कोई को ‘कोइ’, कृपया को ‘क्पया’, में को ‘मे’ और किया को ‘कीया’ लिखा गया है। आठ लाइन की सूचना में कुल 59 शब्द हैं, जिनमें से 20 शब्द अंग्रेजी के हैं। हैरानी इस बात की हो रही है कि जब हिंदी विभाग के सूचना पत्र में हिंदी शब्दों की जगह अंग्रेजी के शब्दों का भरपूर इस्तेमाल किया गया है। ऐसा लगता है कि जैसे हिंदी विभाग को इन इंग्लिश के शब्दों का हिंदी अनुवाद मिला ही नहीं। फिलहाल, यह सूचना पत्र सोशल मीडिया पर वायरल है और लोग हिंदी विभाग की ऐसी हिंदी को लेकर लगातार तंज कस रहे हैं।
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