कोई रंजिश न थी…, चार साल के बच्चे को गोली मारी, गोली मारते वक्त नहीं कांपे हाथ

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आगरा में दिवाली की सुबह चार साल के मासूम बच्चे की हत्या की कहानी को जिसने भी सुना रोंगटे खड़े हो गए। जहां एक ओर परिवार में दीप

जलाए जाने की तैयारी चल रही थी, वहीं मासूम बच्चे की खून से लथपथ लाश पहुंची, तो हर आंख नम हो गई। हत्यारोपित ने बेरहमी से बच्चे को मार डाला। घर से खेलते वक्त अपहरण किया, उसके बाद नाटक ऐसा किया कि उसे कुछ मालूम ही नहीं है। आरोपी पुलिस हिरासत में है, लेकिन बच्चे के पिता को ये समझ नहीं आ रहा कि जो कल तक उसका गहरा दोस्त और सहकर्मी था, आखिर वो उसके परिवार की खुशियों का कातिल कैसे बन गया।

बेटे की साथ मिलकर की तलाश

आगरा के एत्माद्दौला क्षेत्र के शंभू नगर बबलू के घर आज सुबह जब चार वर्षीय बेटे गोल्डी उर्फ बिट्टू की मौत की खबर पहुंची, तो लोगों की भीड़ जुट गई। हत्या किसी और ने नहीं, बल्कि उसके सहकर्मी बंटी ने की थी, ये बात बंटी ने पुलिस के सामने स्वीकार की। हालांकि जब शनिवार की शाम को गोल्डी घर से लापता हुआ तो पिता बबलू के साथ बंटी भी उसकी तलाश करा रहा था।

बबलू को नहीं मालूम था कि जो उसके साथ बेटे को खोजने का नाटक कर रहा है, उसने ही बेटे की जान ले ली है। बंटी ने अपनापन दिखाते हुए एक जगह फोन किया और बताया कि एक परिचित भगत से उसकी बात हुई है। भगत ने बताया कि गोल्डी पेठा नगरी में मिलेगा।

दोस्त पर भरोसा था, इसलिए बबलू उसकी बात सुनकर साथ चल दिया। पेठा नगरी में बेटे को तलाश किया, तो एक जगह बेटा का खून से लथपथ शव पड़ा हुआ मिला। बेटे की लाश देखकर बबलू सुधबुध खो बैठा। बेटे की लाश को सीने से लगा लिया, कुछ कहना चाहता था, लेकिन आंसुओं के सैलाब ने शब्दों को जुबान से निकलने ही नहीं दिया।

बेटे की लाश हाथों में लिए पिता की फफकी देख लोगों का कलेजा मानो फट गया हो। सूचना पर पहुंची पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। जिसके बाद मामले की जानकारी ली गई, तो सबसे पहले बंटी पर शक हुआ।

 

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