कोरोना से हालात हो गए हैं खराब! इन राज्यों की वजह से खतरे की जद में आ गए हैं आप!

नई दिल्ली। मोदी सरकार ने एक बार फिर से कोरोना को लेकर सख्त रुख अख्तियार करना शुरू कर दिया है। कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पत्र लिखा है. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने मंगलवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिख कर सावधान किया है। साथ ही राज्यों से कोरोना पर बनाई गई गाइडलाइंस को सही से लागू नहीं करने पर नाराजगी भी जाहिर की है। बता दें कि देश के 7 से 10 राज्यों के 46 जिलों में सबसे ज्यादा कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं। बीते कुछ सप्ताह में महाराष्ट्र, पंजाब, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, दिल्ली, तमिलनाडु और कर्नाटक में हालात चिंताजनक हो गए हैंं। केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों से कहा कि अब जिला स्तर पर एक्शन मोड में आने की जरूरत है।

कुछ ही दिनों में कोरोना के सक्रिय मामले पांच गुना तक बढ़ गए
बीते चंद सप्ताह में ही कोरोना को लेकर भारत में स्थिति गंभीर हो गई है। इस दौरान कोरोना के सक्रिय मामले पांच गुना तक बढ़ गए हैं। बीते फरवरी महीने तक देश में सक्रिय मामले की संख्या घट कर एक लाख से नीचे आ गई थी, लेकिन चंद सप्ताह में ही सक्रिय मामले की संख्या 5 लाख पार कर चुकी है, हालांकि दूसरे देशों की तुलना में मृत्युदर सबसे कम है।

इन राज्यों ने केंद्र की चिंता बढ़ा दी है
बीते कुछ सप्ताह में महाराष्ट्र, पंजाब, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, दिल्ली, तमिलनाडु और कर्नाटक में हालात चिंताजनक हो गए हैं. जहां राष्ट्रीय औसत संक्रमण दर 5.65 प्रतिशत हैं तो वहीं महाराष्ट्र में 23 प्रतिशत, पंजाब में 8.82 प्रतिशत, छत्तीसगढ़ में 8 प्रतिशत, मध्य प्रदेश में 7.82 प्रतिशत, तमिलनाडु में 2.50 प्रतिशत, कर्नाटक में 2.45 प्रतिशत, गुजरात में 2.45 प्रतिशत और दिल्ली में 2.04 संक्रमण का प्रतिशत है।

दिल्ली की स्थिति पर इसलिए है नजर
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली-एनसीआर में भी सक्रिय मामले की संख्या हर रोज बढ़ते ही जा रहे हैं. देश के 10 शहरों में सक्रिय केसों की संख्या सबसे ज्यादा है, जिसमें दिल्ली भी एक है. दिल्ली में कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों के बीच अब सरकार अस्पतालों में सामान्य और आईसीयू बेड बढ़ाने का फरमान जारी कर दिया है. वहीं बाजारों में भीड़ को देखते हुए कोविड नियमों का पालन ना करने वालों से सख़्ती से निपटने के आदेश दिए गए हैं. बावजूद इसके काफी लोग बिना मास्क के घूमते हुए नजर आ जाते हैं.

उत्तर प्रदेश में भी कोरोना के मामले डरावने
कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ रहा है, लेकिन लोग अपनी जिम्मेवारी सही तरीके से नहीं निभा रहे. उत्तर प्रदेश में भी कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. राज्य में पिछले एक सप्ताह में सक्रिय मामलों में दोगुने से भी ज्यादा बढ़ोतरी हुई है. 24 मार्च को प्रदेश में सक्रिय मामलों की संख्या 4388 थी, जबकि 30 मार्च को यह बढ़कर 9195 हुई। पिछले 24 घंटों में राज्य में 918 कोरोना के नए मरीज मिले और 10 लोगों की हुई मौत हुई है।

राजस्थान की स्थिति पर भी है इसलिए नजर
राजस्थान में कोरोना की संक्रमण दर बढ़कर रिकॉर्ड 16 फीसदी पहुंच गई है. बीते 24 घंटे में 4181 जांच में 665 पॉजिटिव आए हैं। दूसरी तरफ रिकवरी की दर गिर रही है. बीते 24 घंटे में रिकवरी रेट 97 से गिरकर 96.69 हो गई है. राजस्थान में पिछले तीन दिनों में नए मरीजों की संख्या ठीक होने वाले मरीजों की तुलना में 400 फीसदी बढ़ी है. राजस्थान में कोरोना एक्टिव मरीजों की संख्या 3 महीने बाद सर्वाधिक 8155 पर पहुंच गई है।

मध्य प्रदेश में भी तेजी से बढ़ रहे हैं कोरोना के मामले
वहीं बीते चौबीस घंटे में मध्यप्रदेश में रिकॉर्ड 2173 कोरोना पॉजिटिव केस सामने आए हैं। भोपाल में 497, इंदौर के 628, जबलपुर में 148 और ग्वालियर में 53 नए मामलों को मिलाकर अब राज्य में कोरोना के 16034 एक्टिव केस हो गए हैं। बीते 24 घंटे में राज्य में कोरोना से 10 मौतें हुई हैंं

उत्तराखंड सरकार ने जारी की सख्त गाइडलाइंस
वहीं, उत्तराखंड सरकार ने दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है। इस एडवाइजरी के मुताबिक महाराष्ट्र, केरल, पंजाब, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और राजस्थान जैसे राज्यों से आने पर उत्तराखंड में प्रवेश के लिए RT-PCR की नेगेटिव रिपोर्ट साथ लानी अनिवार्य होगी. ये रिपोर्ट 72 घंटे से पुरानी नहीं होनी चाहिए. ये आदेश 1 अप्रैल से लागू होगा।

पंजाब की स्थिति से केंद्र इसलिए है नाराज
पंजाब में बीते 24 घंटे में 2868 नए केस सामने आए हैं, जबकि 59 कोरोना मरीजों की मौत हुई है. पंजाब देश के सबसे ज्यादा नए केस दर्ज होने वाले टॉप पांच राज्यों में से है। आंकड़े बताते हैं कि महाराष्ट्र के बाद अक्सर पंजाब के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है।

ऑक्सीजन सप्लाई वाहनों को 30 सितंबर तक परमिट में छूट
केंद्र सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए ऑक्सीजन सप्लाई वाहनों को 30 सितंबर तक परमिट में छूट दी है। केंद्र सरकार ने कोरोना को लेकर ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति करने वाले विशेष वाहनों 30 सितंबर तक बिना परमिट के आवाजाही की छूट दी. पहले ये छूट 31 मार्च 2021 तक थी, लेकिन कोरोना के केस एक बार फिर बढ़ने लगे तो सरकार ने ये छूट बढ़ाकर 30 सितंबर 2021 तक कर दी।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना को लेकर पंजाब सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि पंजाब कोरोना के मामलों को कंट्रोल करने के लिए न तो पर्याप्त टेस्ट कर रहा है और न ही संक्रमित मरीजों को समय पर क्वारन्टीन में भेजा जा रहा है।

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