तंत्र मंत्र-जादू-टोना और मर्दाना ताकत के अंधविश्वास में एक दुर्लभ सांप की प्रजाति संकट से जूझ रही है। महाराष्ट्र में एक बार फिर दुर्लभ प्रजाति के सांप का रेस्क्यू किया गया है। इसे दो मुंहा जिसे बालू बोआसांप भी कहते हैं। पुलिस ने ठाणे जिले के कल्याण नगर से बालू बोआ सांप की तस्करी के आरोप में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। इनसे बरामद सांप की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 70 लाख रुपए आंकी गई है। गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने जाल बिछाकर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। एसीपी उमेश माने पाटिल ने बताया कि आगे की जांच जारी है। बता दें कि इस सांप को डबल इंजन के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि इसका सिर और पूंछ एक से दिखते हैं। इसी वजह से इसे दो मुंहा सांप भी कहते हैं। यह सांप भारत, ईरान और पाकिस्तान में पाया जाता है।
यह हमेशा से रहस्य रहा है कि रेड सेंड बोआ तस्करों के बीच इतना लोकप्रिय क्या है? हालांकि पुलिस ने जितने भी स्मगलर्स पकड़े सबका यही तर्क है कि इसमें अलौकिक शक्तियां होती हैं। सांप को मंडूल/मंडुल या डु-टोंड्या (दो मुंह वाला) के रूप में भी जाना जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम एरिक्स जॉनी है। यह सांप बिल खोदकर रहता है। चूंकि यह आसानी से खोदी जाने वाली रेत में बिल बनाता है, इसलिए इसे सेंड बोआ भी कहते हैं। यह चूहे, छिपकली प्रजाति के कीड़े और मेंढकों को खाकर जीता है। हालांकि इसकी कुछ स्पेशल प्रजातियां अन्य सांपों को भी अपना आहार बनाती हैं। इस सांप की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि ये जहरीला नहीं होता है। इस वजह से भी यह लोकप्रिय है।
Maharashtra | Five persons arrested for smuggling sand boa snakes, a snake worth Rs 70 lakhs recovered in Kalyan city of Thane dist
Based on a tip-off, the police laid a trap and arrested the accused. Further probe underway: ACP Umesh Mane Patil (22.08) pic.twitter.com/hgjuKiUEHS
— ANI (@ANI) August 23, 2022
इस सांप को भारत में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत संरक्षित किया गया है। यानी इसे अवैध शिकार, व्यापार वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की धारा 9, 11, 39, 48 और 51 के साथ-साथ पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 की अन्य संबंधित धाराओं के तहत भी रखा गया है। मतलब, इसका शिकार गैरकानूनी है और कड़ी सजा मिलती है। महाराष्ट्र में यह राज्य के कई हिस्सों में पाया जाता है। लेकिन खासकर पश्चिमी घाट और नासिक, मालेगांव और धुले के आसपास यह काफी मिलता है। इसकी कीमत 2 लाख रुपये से लेकर 2 करोड़ रुपए तक देखी गई है।
तांत्रिकों के चक्कर में इस सांप पर संकट आया है। तांत्रिकों ने अंधविश्वास फैला रखा है कि 2 से 2.5 किलो वजनी सांप धन और भाग्य को आकर्षित करता है। यानी जो किसान या अन्य व्यक्ति इन सांपों को पकड़ते हैं, उन्हें खा जाते हैं, उनकी जिंदगी बदल जाती है। कई लोगों का मानना है कि इस सांप में अलौकिक शक्तियां हैं। यह भाग्य, बल्कि व्यवसाय में धन और समृद्धि ला देता है। सेंड बोआ की रीढ़ की हड्डी वशीकरण (किसी को जादू से नियंत्रित करना) के लिए उपयोगी है। यदि उचित अनुष्ठानों(rituals ) का पालन किया जाए, तो सांप धन वर्षा करा सकता है। इस सांप को लेकर यह भी दावा किया जाता रहा है कि सांप से निकला फ्लूड यानी स्राव का उपयोग यौन जीवन के लिए ताकत हासिल करने और एड्स को ठीक करने के लिए किया जा सकता है। हालांकि मेडिकल साइंस ने अभी तक इसे साबित नहीं किया है।
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