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विक्रम सैनी
यूनिक समय, मथुरा। सोशल मीडिया एवं अन्य प्रचार माध्यमों से लगातार आ रही कोरोना की तीसरी लहर की चर्चा और उससे बच्चों के प्रभावित होने के आसार से इस समय हर माता पिता चिंतित है।
अभी तक के कोरोना के अनुभव से ये सामने आया है कि वैक्सीन से इसका बचाव संभव है या फिर एक अच्छी रोग प्रतिरोधक क्षमता इसे पछाड़ सकती है। अभी 18 साल से कम के लिए वैक्सीन आयी नहीं है तो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना ही सर्वश्रेष्ठ उपाय जान कर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, मथुरा महानगर ने आयुर्वेदिक औषधि सुवर्णप्राश का सेवन बच्चों को कराने कि योजना बनाई है। संघ के प्रांत के सहसम्पर्क प्रमुख कैलाश ने बताया की इस औषधि के बारे में कश्यप संहिता में लिखा है की छह महीने तक प्रत्येक महीने में निश्चित मात्रा, निश्चित दिन में देने से यह बच्चों में न केवल शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ बनाने में सहयोग करती है, बल्कि उनकी बुद्धि को कुशाग्र बनाने में एवं स्मरणशक्ति बढ़ाने में भी सहायक होती है।
यह औषधि अन्य कम्पनियों की भी आती है जो कि बहुत महंगी होती है। आयुर्वेद में इसको दिए जाने वाले खास नक्षत्र का भी वर्णन मिलता है कि सुवर्णप्राश एक महीने से 16 साल तक के बच्चों को ड्राप्ट के रूप में महीने में सिर्फ एक बार पुष्य नक्षत्र में दिया जाना चाहिए। इस बार इस नक्षत्र का कालयोग 14 जून को सुबह 8:45 से सायं 3 बजे तक का है, इसी समय में संघ के स्वयंसेवक कदंब विहार, मेन रोड, स्वर्णजयंती के सामने में कैम्प लगा कर 5 साल तक के बच्चों को नि:शुल्क ये औषधि पिलायेंगे।
सह महानगर कार्यवाह विजय बंटा ने लोगों से अपील की है कि वे कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए अपने बच्चों को लेकर कैम्प में लाएं और औषधि का लाभ लें। औषधि पीकर जाने वाले बच्चों की उनकी अगली छह महीनों तक की खुराक की चिंता भी संघ करेगा।
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