नई दिल्ली। भारत ही नही पूरी दुनिया में मशहूर हो चुके शॉर्ट वीडियो शेयरिंग ऐप Tiktok को भारत में गूगल प्ले स्टोर और एपल स्टोर से हटा दिया गया है। इस बैन के बाद टिकटॉक की ओर से सफाई भी पेश की गई है। टिकटॉक इंडिया के हेड ने ट्वीटर हैंडल पर पोस्ट करते हुए कहा है कि टिकटॉक यूजर का डाटा चीन समेत किसी भी देश के शेयर नहीं करता है। वो हमेशा यूजर की गोपनीयता और सुरक्षा का ख्याल रखता है। कुछ दिनों पहले ऐपल ने टिकटॉक पर जासूसी करने का भी आरोप लगाया था।
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करते हैं भारत सरकार के आदेश का समान
टिकटॉक इंडिया के हेड निखिल गांधी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि भारत सरकार ने टिकटॉक सहित कुल 59 ऐप को बैन करने के लिए अंतरिम आदेश जारी किया है। वो सरकार के फैसले का सम्मान करते हुए आदेश का पालन कर रहे हैं। सरकार की ओर से स्पष्टीकरण देने के लिए उन्हें अधिकारियों से मिलने और अपनी बात रख्खने के लिए आमंत्रित किया गया है।
— TikTok India (@TikTok_IN) June 30, 2020
नहीं करते हैं किसी के साथ डाटा शेयर
निखिल गांधी की ओर से कहा गया है कि कंपनी भारतीय कानून और लोगों की गोपनियता का पूरा ख्याल रखती है। वो किसी भी देश फिर वो चीन ही क्यों न हो डाटा शेयरिंग नहीं कर रही है। अगर कंपनी से कोई किसी भी यूजर का डाटा मांगेगा तो भी नहीं देंगे। निखिल गांधी के अनुसार टिकटॉक लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत 14 भारतीय भाषाओं में सर्विस दे रहा है। भारत में इसके करीब 10 करोड़ यूजर्स हैं। जिसमें कई क्षेत्रो के लोग शामिल हैं।
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एपल ने लगाए थे जासूसी के आरोप
भले ही बैन होने के बाद टिकटॉक की ओर से सफाई आ गई हो, लेकिन पिछले दिनों एपल की ओर से दिए गए जासूसी सबूत की वजह अभी भी शक के घेरे में है। एपल ने कहा था कि उसके नए आईओएस 14 बीटा की मदद से खुलासा हुआ है कि बैकग्राउंड में एपल आईफोन के क्लिपबोर्ड को एक्सेस कर रहा था। सिक्योरिटी रिसर्चर्स टॉमी मिस्क और तलाल हज बेक्री की ओर से दी जानकारी के अनुसार यूजर्स के डेटा को एक्सेस करने वाले ऐप्स में टिकटॉक का नाम है। टिकटॉक की पैरेंट कंपनी बाइटडांस ा बयान आया था कि ये समस्या आउटडेटेड गूगल एडवर्टाइजिंग एसडीके के कारण आई थी, जिसे रिप्लेस कर दी गई गया है। एपल के आरोप अनुसार बाइटडांस का दावा बिल्कुल गलत है। टिकटॉक को कई बार क्लिपबोर्ड को एक्सेस करते पकड़ा गया है।
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