पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए वैशाख अमावस्या पर करें ये अचूक उपाय

वैशाख अमावस्या

यूनिक समय, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में पितृ दोष को जीवन की अनेक कठिनाइयों और बाधाओं का कारण माना जाता है। जिन व्यक्तियों की कुंडली में पितृ दोष होता है, उन्हें आर्थिक, पारिवारिक और मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में वैशाख अमावस्या का दिन इस दोष से मुक्ति पाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना गया है।

इस वर्ष वैशाख अमावस्या 27 अप्रैल को पड़ रही है। यह दिन पितरों को प्रसन्न करने, उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त करने और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत शुभ है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से पितृ दोष से राहत मिल सकती है और पितरों की कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।

वैशाख अमावस्या पर करें ये उपाय

पीपल वृक्ष की पूजा: वैशाख अमावस्या के दिन प्रातःकाल पीपल के वृक्ष की जड़ में काले तिल डालकर जल चढ़ाएं। साथ ही, संध्या के समय पीपल के नीचे तिल के तेल का दीपक जलाएं। मान्यता है कि पीपल में त्रिदेव—ब्रह्मा, विष्णु और महेश के साथ-साथ पितरों का वास होता है, और यह उपाय पितृ दोष की शांति में सहायक होता है।

ब्राह्मण भोज और दान: इस दिन स्नान के बाद पितरों की शांति के लिए ब्राह्मणों को भोजन कराएं और उन्हें दान दें। ऐसा करने से पितरों की आत्मा को तृप्ति मिलती है और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।

गरीबों को दान: अमावस्या के दिन जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और धन का दान करने से न केवल पुण्य की प्राप्ति होती है, बल्कि पितृ दोष भी शांत होता है। यह कार्य पूर्वजों की कृपा पाने का एक सरल और प्रभावशाली माध्यम है।

पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध: वैशाख अमावस्या पर अपने पितरों के नाम पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध करना अत्यंत फलदायी माना गया है। इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और वे अपने वंशजों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं।

पशु-पक्षियों को भोजन: इस दिन कौवे और कुत्तों को भोजन कराना भी पितृ तृप्ति के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है। ऐसा विश्वास है कि पितृ रूप में धरती पर आने वाले जीवों की सेवा करने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं।

वैशाख अमावस्या न केवल एक पुण्यकारी तिथि है, बल्कि यह पूर्वजों की कृपा पाने और पितृ दोष से छुटकारा पाने का सुनहरा अवसर भी है। अगर इन उपायों को श्रद्धा और निष्ठा से किया जाए, तो जीवन की कई समस्याओं से राहत पाई जा सकती है और सुख-शांति की प्राप्ति होती है।

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