
यूनिक समय ,नई दिल्ली। आज मकर संक्रांति का पावन पर्व है और हिंदू धर्म में इस त्यौहार की विशेष मान्यता है। हर साल यह पर्व पौष माह में मनाया जाता है। लेकिन इस बार मकर संक्रांति पौष माह के खत्म होने के बाद मनाई जा रही है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस दिन सूर्य धनु राशि की यात्रा को विराम देकर मकर राशि में प्रवेश करता है। जिसे मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है। मकर संक्रांति पर सूर्य देव दक्षिणायन से उत्तरायण होते हैं, जिस कारण इसे उत्तरायण पर्व भी कहा जाता है। मकर संक्रांति पर गंगा स्नान, सूर्य देव की विशेष पूजा और दान करने का विशेष महत्व है। आइए जानते हैं मकर संक्रांति का महत्व, पूजा विधि और स्नान का शुभ मुहूर्त।
इस वर्ष मकर संक्रांति पर पुण्य काल मुहूर्त 14 जनवरी 2025 को सुबह 08:40 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक रहेगा। पुण्य काल के मुहूर्त में गंगा स्नान और दान करने का विशेष महत्व है। महापुण्य काल का शुभ समय सुबह 08:40 बजे से 09:04 बजे तक रहेगा।
मकर संक्रांति पर स्नान और दान का विशेष महत्व है। इस दिन गंगा स्नान और दान किए बिना मकर संक्रांति का पूरा लाभ नहीं मिल सकता है। मकर संक्रांति पर सुबह जल्दी स्नान करने का विशेष महत्व है। 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर गंगा स्नान का शुभ मुहूर्त सुबह 09:03 बजे से 10:48 बजे तक रहेगा। मकर संक्रांति के दिन पवित्र नदी में स्नान करने के बाद सूर्य देव को जल चढ़ाने और तिल का दान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।
हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का पावन पर्व विशेष महत्व रखता है। देश के अलग-अलग हिस्सों में इस त्योहार को अलग-अलग नामों से मनाया जाता है। मकर संक्रांति के दिन विधि-विधान से सूर्य देव की पूजा करने का महत्व है। मकर संक्रांति के दिन सुबह जल्दी उठकर घर की साफ-सफाई करें और घर के पास किसी पवित्र नदी में स्नान करने जाएं। वहां स्नान करने के बाद सूर्य देव को जल चढ़ाएं। फिर सूर्य देव से जुड़े मंत्रों का जाप करें और दान दें।
Leave a Reply