यमुना एक्सप्रेस के किनारे बनेगा 100 बेड का ट्रॉमा सेंटर, कम होगा मौतों का आंकड़ा

नोएडा। यमुना एक्सप्रेस वे के किनारे रहने वालों को एक बड़ी सौगात मिलने जा रही है। जल्द ही एक्सप्रेस वे के किनारे ट्रॉमा सेंटर का निर्माण शुरू होने वाला है। यह ट्रॉमा सेंटर 100 बेड का होगा। इसके बनने से एक्सप्रेस वे पर होने वाले एक्सीडेंट के चलते हो रही मौतों के आंकड़ों में कमी आएगी। आसपास रहने वाले गांव के लोगों को यहां फ्री में इलाज मिलेगा। जेवर से बीजेपी विधायक धीरेन्द्र सिंह के प्रस्ताव को यूपी के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने मंजूरी दे दी है। बीजेपी विधायक ने ट्वीट करते हुए यह जानकारी दी है।

बीजेपी विधायक धीरेन्द्र सिंह का कहना है कि जेवर और उसके आसपास बहुत तेजी से रेजिडेंशियल, कमर्शियल और इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट हो रहा है। इंटरनेशनल जेवर एयरपोर्ट और फिल्म सिटी भी बन रही है। ऐसे में इमरजैंसी स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरत भी होगी और फिर यमुना एक्सप्रेस वे पर हर रोज छोटे या बड़े एक्सीडेंट होते हैं।

trauma center, jewar, Yamuna Expressway, bjp mla, twitter, road accident, ट्रामा सेंटर, जेवर, यमुना एक्सप्रेसवे, बीजेपी विधायक, ट्विटर, सड़क दुर्घटना

एक्सीडेंट में बहुत से लोगों की जान तो सिर्फ इसलिए ही चली जाती है कि वक्त रहते उन्हें इलाज नहीं मिल पाता है। एक्सप्रेस वे जेवर, मथुरा और आगरा को जोड़ता है, लेकिन उसके किनारे कोई अस्पताल नहीं है। इसे खासतौर से ध्यान में रखते हुए ट्रॉमा सेंटर की मांग की गई थी।

विधायक धीरेन्द्र सिंह ने उम्मीद जताते हुए कहा है कि आने वाले दो से तीन महीने में एक्सप्रेस वे के किनारे जेवर के पास ट्रॉमा सेंटर का निर्माण शुरू हो जाएगा. इसका फायदा स्‍थानीय लोगों को मिलेगा. हालांकि, नियमों के मुताबिक जेपी कंपनी को एक्सप्रेस वे के किनारे अस्पताल का निर्माण कराना था, लेकिन उसने नोएडा में अंदर जाकर अपना अस्पताल बनाया, जिसका फायदा एक्सप्रेस वे पर एक्सीडेंट का शिकार होने वाले लोगों को नहीं मिल पाता है.

सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता केसी जैन को आरटीआई से मिले जवाब के मुताबिक, यमुना एक्सप्रेस वे पर जनवरी 2017 तक करीब 4505 हादसे हुए, जिनमें करीब 626 लोगों की मौत हो चुकी है।साल दर साल यहां पर होने वाले हादसों में तेजी देखने को मिल रही है। वर्ष 2015 की तुलना में एक्सप्रेस वे पर 2016 में 30 फीसद हादसे ज्यादा हुए थे. साल 2016 में एक्सप्रेस वे पर करीब 1193 एक्सीडेंट की घटनाएं हुईं थीं, इनमें करीब 128 लोगों की मौत हुई थी. वहीं, 2015 में यहां 919 हादसे हुए थे जिसमें 143 लोगों की मौत हो गई थी।

वर्ष 2013 की बात करें तो यहां 896 हादसे हुए जिसमें 118 लोगों की मौत हो गई थी। साल 2014 में इस एक्सप्रेस वे पर 771 हादसे हादसे हुए, जिसमें 127 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था। अगस्त 2012 में जब इस एक्सप्रेस को जनता के सुपुर्द किया गया था, तब ही यहां दिसंबर 2012 तक करीब 294 हादसे हुए थे जिसमें 33 लोगों की जान चली गई थी।

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*