यूनिक समय, नई दिल्ली। गंगा नदी में पाए जाने वाले दुर्लभ प्रजाति के कछुओं की स्मगलिंग का भंडाफोड़ हुआ है। डीआरआई ने सूचना के आधार पर देश के 6 से अधिक शहरों में छापेमारी की। इस छापेमारी में सैंकड़ों की संख्या में कछुओं को बरामद किया गया है, जिसकी बाजार में 1 करोड़ रुपये से अधिक की कीमत है।
डायरेक्टर ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस ने कछुआ तस्करी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। दरअसल ये कछुए गंगा नदी में पाए जाने वाले दुर्लभ प्रजाति के कछुए हैं। कछुओं की संबंधित प्रजाति को वन्यजीव कानून 1972 के तहत रेड लिस्ट (लाल सूची) में डाला गया है।
गंगा नदी के किनारे पाए जाने वाले दुर्लभ प्रजाति के कछुओं की तस्करी हो रही थी। ऐसे में डीआरआई द्वारा ऑपरेशन कच्छप चलाया गया। इसके तहत नागपुर, चेन्नई समेत देश के 6 शहरों में एक साथ छापेमारी की गई। इस छापेमारी में दुर्लभ प्रजाति के 955 कछुए के बच्चों को जब्त किया गया।
दुर्लभ प्रजाति के 955 कछुओं को किया गया जब्त- Delhi news
इस अभियान के सफल होने पर डीआरआई ने कहा कि दुर्लभ प्रजाति के 955 कछुओं को जब्त किया गया, जिसकी कीमत बाजार में 1 करोड़ रुपये से अधिक है। डीआरआई ने ऑपरेशन कच्छप के तहत नागपुर, भोपाल, चेन्नई समेत देश के 6 शहरों में छापेमारी की। इस मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
दरअसल कछुओं की तस्करी में एक बड़े गिरोह की लिप्तता की सूचना विभाग को मिली थी। इस सूचना के बाद डीआरआई ने छापेमारी शुरू की। जानकारी के मुताबिक डीआरआई टीम को गुप्त सूचना ये भी मिली थी कि कछुओं की तस्करी जीटी एक्सप्रेस से लखनऊ होते हुए चेन्नई मार्ग पर ले जाया जा रहा है।
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यह सूचना मिलते ही डीआरआई ने नागपुर में कार्रवाई शुरू कर दी और इस मामले में दो पुरुष और एक महिला तस्कर को गिरफ्तार कर लिया। प्राप्त जानकारी के मुताबिक दुर्लभ प्रजाति को 955 कछुओं को जब्त किया गया है। इसमें से 551 कछुए नागपुर से पकड़े गए हैँ। बता दें कि प्रत्येक कछुए की कीमत 10 हजार से 50 हजार रुपये के बीच है। इन कछुओं की कीमत 1 करोड़ रुपये से अधिक है। कछुओं की इन प्रजातियों में इंडियन टेंट, इंडियन फ्लैपशेल, क्राउन रिवर, ब्लैक स्पॉटेड, पॉन्ड और ब्राउन रुपड टर्टल शामिल है।
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